शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा सेना की संख्या घटाने के बजाये अपनी कैबिनेट का वेतन कम करे सरकार

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी की मोदी सरकार पर हमला बोला है। बिहारी बाबू ने इस बार सेना में जवानों की कमी और तेल-गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर निशाना साधा है। सवाल उठाया है कि आखिर इन सब हालात में सरकार अपने कैबिनेट के वेतन और भत्ते में कमी क्यों नहीं करती।
इस पर शॉटगन ने सरकार पर व्यंग्य कसते हुए कहा-तेल की कीमतों के बढ़ने के इस दौर में सिलिंडर आठ सौ रुपये हो चुका है। इस योग्य सरकार के सत्ता में आने के बाद यह दोगुनी कीमत है। डॉलर भी शतक लगाने की ओर है. अब राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता, यह निराशाजनक है। आखिर क्यों नहीं सरकार अपने कैबिनेट के वेतन भत्ते का आकार कम करती। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, भारतीय सेना, दुनिया में अपने पेशेवराना तेवर और समर्पण के लिए जानी जाती है।
उन्होंने कहा कि सेना का आकार घटाने का फैसला तथ्यों और आंकड़ों पर आधारित होना चाहिए। तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा- हमें अपनी सशस्त्र सेना पर गर्व है, जो दुनिया की पांच बड़ी सेनाओं में से एक है। लागत कम करने के नाम पर सैनिकों की कटौती करने की खबरें आपत्तिजनक हैं। कहा जा रहा है कि भारतीय सेना में बड़े हथियारों की खरीद के लिए डेढ़ लाख नौकरियां खत्म करने की तैयारी है। सेना में कटौती से बचने वाले 5 से 7 हजार करोड़ रुपये से हथियार खरीदे जाएंगे। खर्च घटाने और नए एडवांस हथियार, उपकरणों की खरीद के लिए पैसा जुटाने के मकसद से यह कदम उठाया जाएगा।
वर्तमान में आर्मी के कुल 1.2 लाख करोड़ के बजट में से 83 फीसदी उसके राजस्व व्यय और वेतन सहित कई अन्य मद में खर्च हो जाता है। इसमें सेना से रिटायर्ड लोगों का पेंशन शामिल नहीं है। सेना को मिलने वाले बजट का सिर्फ 17 प्रतिशत यानी 26,826 करोड़ रुपये पूंजीगत खर्चों के लिए जाता है। यह वो राजस्व है जिसे लेकर सेना पूरी तरह खुश नहीं है। आने वाले समय में नौकरी में कटौती के बाद इससे बचने वाले 5 से 7 हजार करोड़ रुपये से हथियार खरीदे जाएंगे। इससे सेना के पास 31,826 से 33,826 करोड़ रुपये तक हो जाएंगे। इन खबरों पर बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने तीखी टिप्पणी की है।

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