चारधाम यात्रा: सरकार की तैयारियों पर युकाडा की नीतियां भारी, खामियाजा भुगतेंगे यात्री! 

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नैनीताल: प्रदेश में राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत माने जाने वाले पर्यटन पर सरकार विशेष जोर दे रही है। वहीँ पर्यटन व धार्मिक आस्था से जुडी चारधाम यात्रा को लेकर भी सरकार पूरी तैयारीयों का दावा कर रही है। लेकिन यात्रा के लिए हेली सेवाओं का जिम्मा युकाडा पर है। 9 मई से यात्रा शुरू होने जा रही है। यात्रा के लिए हेली सेवा में नागरिक उड्डयन/युकाडा की नीतियों के कारण लगातार देरी हो रही है। जिस कारण समय पर यात्रियों को हवाई सेवा ना मिलने के चलते सरकार की तैयारीयों को भी धक्का पहुँच रहा है।

हर बार की तरह इस बार भी यात्रा के लिए हेली सेवाओं को लेकर युकाडा फिर से विवादों में आया। दरअसल केदार घाटी में रोक के बावजूद बनाए गए नए हेलीपैडों के निर्माण पर हाईकोर्ट में कड़ा रुख अखतियार किया। सरकार ने केदार घाटी में अपने ही सर्कुलर के विपरीत नए हेलीपैडों का निर्माण कराया था। इतना ही नहीं उन हेलीपैडों को टेंडर की प्रक्रिया में भी शामिल कर लिया था, जिसको लेकर एक याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद होईकोर्ट ने केदारनाथ हेली सेवा के टेंडर पर रोक लगा दी थी।

युकाडा ने जो टेंडर प्रक्रिया अपनाई है, उससे इस साल भी पिछले साल की तरह ही केवल 9 हेली आपरेटरों को ही मौका मिला। 15 मार्च को यह टेंडर प्रक्रिया शुरू की जानी थी, लेकिन आम चुनावों के चलते देश भर में आचार संहिता लागू हुई। जिसके चलते युकाडा को यह सेवा उपलब्ध कराने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेने के चलते देरी हुई। पहले केदारनाथ यात्रा के लिए हेली सेवा के टेंडर में पहले से ही अप्रूव्ड 14 हेलीपैडों का जिक्र किया गया था। लेकिन एक हफ्ते बाद ही फिर से नियम विरुद्ध बनाए गए चार नए हेलीपैडों को भी शामिल कर दिया गया था। यानी कुल अट्ठारह हेलीपैडों को दर्शाया गया।

मामले में सरकार से हाईकोर्ट ने जवाब माँगा था। सरकार की ओर से अपना जवाब दायर भी कर दिया गया। जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई अब 7 मई को तय की गई है। जबकि, केदारनाथ धाम के कपाट 9 मई को खुल रहे हैं।

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