सड़कों का जीओ रद्द हो सकता है तो खनन पट्टे क्यों नहीं

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देहरादून: जन संघर्ष मोर्चा ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार के समय स्वीकृत सड़कें किसी की व्यक्तिगत सम्पत्ति नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब सरकार सड़कों के जीओ जारी कर सकती है, तो फिर खनन पट्टों के टेंडर क्यों नहीं रद्द किए जा सकते। उन्होंने कहा कि जब केन्द्र में भी भाजपा सरकार है तो धन का रोना क्यों रोया जा रहा है।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय हुए लगभग 60 खनन पट्टों आदि का जीओ भी सरकार को रद्द कर देना चाहिए। नेगी ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के मुखिया हरीश रावत ने जनता और जनप्रतिनिधियों की मांग पर प्रदेश भर में सैकड़ों सड़कें स्वीकृत की थी। जिनका टोकन मनी भी जारी किया गया था। लेकिन, त्रिवेन्द्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। सरकार स्वीकृत सड़कों के जीओ निरस्त कराने पर आमदा है। जिसे प्रदेश की जनता कभी माफ नहीं करेगी। सरकार को सोचना चाहिए कि इन सड़कों पर किसी पार्टी विशेष के लोग नहीं चलेंगे, बल्कि आजमन की सुविधा को देखते हुए ये सड़कें सरकार द्वारा स्वीकृत की गयी थीं। वर्तमान में प्रदेश व केन्द्र दोनों जगह भाजपा की सरकार है तो ऐसे में क्यों धन का रोना रोया जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश सरकार केन्द्र के आगे अपना पक्ष रखने में विफल साबित हो रही है।
नेगी ने कहा कि त्रिवेन्द्र सरकार पूर्ववर्ती कांगे्रस सरकार के समय हुए 5 दर्जन से अधिक खनन पट्टे, स्टोन क्रेशर, स्क्रीनिंग प्लान्ट के जीओ भी निरस्त कराये। सरकार ऐसा नहीं करेगी क्योंकि खनन माफियाओं के आगे सरकार नतमस्तक है। पूर्व में सरकार के मुखिया ने खनन पट्टों को निलम्बित करने की आड़ में सैकड़ों करोड़ का काला कारोबार किया था। मोर्चा ने त्रिवेन्द्र सरकार को चुनौती दी कि अगर उसमें हिम्मत है तो कांग्रेस सरकार में स्वीकृत खनन पट्टों के जीओ भी रद्द करे।

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