सबरीमाला मंदिर: वापस लौटीं दो महिलाएं, सुरक्षा के बावजूद नहीं मिला प्रवेश

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केरल: केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद जारी है। श्रद्धालुओं का आज सुबह से ही प्रदर्शन जारी है। भगवान अयप्पा के दर्शन करने पहुंचीं महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोका जा रहा है और अब तक किसी भी महिला को प्रवेश नहीं करने दिया गया। वहीं शुक्रवार को केरल सरकार और पुलिस प्रशासन सबरीमाला के सामने डंटे प्रदर्शनकारियों के सामने बेबस नजर आए। करीब 250 पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे में दो महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश की कोशिश की लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। इन महिलाओं को एंट्री पॉइंट से लौटना पड़ा। हैदराबाद के मोजो टीवी की जर्नलिस्ट कविता जक्कल और ऐक्टिविस्ट रिहाना फातिमा मंदिर में नहीं घुस पाईं। सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा का दर्शन करने गई दोनों महिलाओं को वापस लौटना पड़ा है। बड़ी संख्या में जमा हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वो किसी भी हाल में महिलाओं को मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं करने देंगे। शुक्रवार को केरल सरकार और पुलिस प्रशासन सबरीमाला के सामने डंटे प्रदर्शनकारियों के सामने बेबस नजर आए। करीब 250 पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे में दो महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश की कोशिश की लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। इन महिलाओं को एंट्री पॉइंट से लौटना पड़ा। हैदराबाद के मोजो टीवी की जर्नलिस्ट कविता जक्कल और ऐक्टिविस्ट रिहाना फातिमा मंदिर में नहीं घुस पाईं।

वहीं सबरीमाला विवाद से जुड़े इस ताजे घटनाक्रम पर केरल सरकार का भी पक्ष सामने आ गया है। राज्य देवासम मंत्री काडाकमपल्ली सुंदरन ने कहा कि कुछ ऐक्टिविस्ट भी मंदिर में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार के लिए यह चेक करना असंभव है कि कौन श्रद्धालु है और कौन ऐक्टिविस्ट। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि वहां 2 ऐक्टिविस्ट हैं, जिनमें एक पत्रकार भी मानी जा रही हैं। मंत्री ने कहा कि ‘हर उम्र के लोगों को प्रवेश की अनुमति है लेकिन हम यहां ऐक्टिविस्टों को आकर अपनी ताकत दिखाने की अनुमति नहीं दे सकते।’

बता दें कि केरल के प्रख्यात सबरीमाला मंदिर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के बाद पहली बार बुधवार को मंदिर के कपाट खोले गए। मंदिर के कपाट खोलने से पहले और बाद में काफी हंगामा हुआ। सैंकड़ों की संख्या में मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की और वहां मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान काफी मारपीट और हिंसा भी हुई। श्रद्धालुओं की दलील है कि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दिए जाने से भगवान का ब्रह्मचर्य भंग होगा। यही वजह है कि वे 10 साल की उम्र से लेकर 50 साल तक की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश का विरोध कर रहे हैं।

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