पिटकूल घोटाले की होगी जाँच – एस0एन वर्मा, एम0डी

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इशान इंटरप्राइजेज द्वारा पिटकुल को ज्यादा रेट में उपकरणों को बेचे जाने के मामले को हैलो उत्तराखंड द्वारा कल उजागर किया गया था जिसमे संयुक्त टेंडर मिलने वाली इशान कंपनी ने अपने ही पार्टनर कंपनी वेनसन से पैनल आधी से भी कम कीमत में खरीदी। और एक साल बाद उन्ही उपकरणों को पिटकूल विभाग को 50प्रतिशत से भी ज्यादा मुनाफे में बेच डाला।

पिटकुल विभाग के एम0डी एस0एन वर्मा के संज्ञान में हैलो उत्तराखंड केमाध्यम से ये घोटाला सामने आने के बाद, एम0डी ने अब इस घोटाले की जाँच करने की बात कही है। एस0एन वर्मा का कहना है की प्रथम दृष्टिया मामला काफी बड़े घोटले का लग रहा है जिसकी पुष्टि के लिए विभाग द्वारा जाँच की जाएगी साथ ही टेंडर के दौरान मानदंडो को भी ताक में तो नही रखा गया है इसकी भी जाँच होगी।

वही वर्ष 2016 में जब टेंडर सयुक्त कंपनी – इशान इंटरप्राइजेज, वैनसन इलेक्ट्रिक और सि0टी0आर मैन्युफैक्चरिंग को दिया गया था तो उस वक़्त अनिल कुमार चीफ इंजिनियर, अनुबंध और खरीद आधिकारी थे इसलिए उनके इस घोटाले में शामिल होने की सम्भावनाये काफी ज्यादा है और पहले भी कई घोटालो में उनका नाम सामने आया है।

इतने बड़े टेंडर जिसकी कीमत लगभग 31 करोड़ है, उसकी लीड कंपनी यानि की इशान इंटरप्राइजेज के मालिक से संपर्क करने की कोशिश जब हैलो उत्तराखंड ने करी तो चौकाने वाले तथ्य सामने आये – सबसे पहले तो ३१ करोड़ के टेंडर की लीड कंपनी की कोई अपनी वेबसाइट ही नही है जो संदेहास्पद प्रतीत होता है।

इसके बाद जब हमने इशान इंटरप्राइजेज द्वारा जारी किये गए बिल में लिखे हुए नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की तो हमारी बात तरुण से हुई जिन्होंने पहले खुद को इशान इंटरप्राइजेज का मालिक बताया बाद में जब उक्त घोटाले के बारे में तरुण से पूछा गया तो उन्होंने मालिक होने से इनकार करते हुए खुद को इशान इंटरप्राइजेज का कर्मचारी बताया। फिर जब उनसे वहा के मालिक का नंबर, नाम और ऑफिस का नंबर पूछा गया तो उन्होंने ये सब पता होने से इनकार कर दिया। जिससे कही-न-कही ये कंपनी ही संदिग्ध प्रतीत होती है।

इन सब से ज्यादा चौकाने वाली बात ये है की लगभग डेढ़ करोड़ का बिल जो इशान इंटरप्राइजेज द्वारा बनाया गया है वो सादे पेपर पर है जबकि कंपनिया इनवॉइस अपने कंपनी के लैटर हेड पर ही सामान्यता जनरेट करती है।

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