एक ऐसी दिव्यांग शिक्षिका, जो दे रही पलायन को चुनौती, ‘शैलेश मटियानी पुरस्कार’ से सम्मानित

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चमोली: उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को दिया जाने वाला शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार-2016 की सूची हाल ही जारी की गई।सूची में कुल 21 शिक्षकों का नाम शामिल है। इसमें प्राथमिक, माध्यमिक, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) और संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों का चयन किया जाता है। इसी सूची में एक नाम चमोली की राजकीय प्राथमिक विद्यालय लंगासू में तैनात शशि कंडवाल का भी है। जिन्होंने ये साबित किया कि, यदि जीवन में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो शारीरिक अक्षमता कोई मायने नहीं रखती।

दिव्यांग शिक्षिका शशि कंडवाल एक ऐसी शिक्षिका हैं कि, वे जहाँ भी तैनात होती हैं वहां के अभिभावक उनके पाठन कार्य व अन्य कार्यों से इतने सन्तुष्ट होते हैं कि, उस विद्यालय में सरकारी स्कूल होने के बावजूद भी छात्रों की संख्या बढती ही जाती है। वे एक बेहतरीन और मेहनती शिक्षिका हैं, उनके द्वारा किये गए कार्य पूरे जिले में ही नहीं बल्कि, प्रदेश में भी किसी से छिपे नही हैं। उनके कार्यों और काम के प्रति समर्पण का ही नतीजा है कि, जहां वर्तमान में लोग प्राइवेट स्कूलों की तरफ भाग रहे हैं, वहीँ 13 छात्र संख्या वाले विद्यालय लंगासू में बहुत कम समय में ही छात्र संख्या बढ़कर 22 हो गयी है, जो कि वर्तमान में किसी चमत्कार से कम नही हैं। वे खेल-खेल में भी बच्चों की प्रतिभा को निखारती हैं और पढाई को रोचक बनाती हैं। उनके प्रयास ऐसे समय में रंग ला रहे हैं, जिस समय गांव लगातार पलायन का दंश झेल रहे हैं।

वहीँ हैलो उत्तराखंड न्यूज़ से बातचीत में कर्णप्रयाग खंड शिक्षा अधिकारी, उमेश कैलखुरा ने बताया कि, शिक्षा के लिए उनका समर्पण भाव काबिले तारीफ है। वह शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को अनुशासन व अन्य गतिविधियों के के लिए भी प्रेरित करती हैं। वह पढाई को रोचक तरीके से बच्चों के सामने पेश करती हैं, जिससे बच्चे भी पढाई में मन से रूचि लेते हैं।

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