पहली बार ‘गढ़वाली भाषा दिवस’ का आयोजन, भाषा का लिपिबद्ध होना ज़रूरी: नरेंद्र सिंह नेगी

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मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में सांस्कृतिक संगठन पर्वतीय राज्य मंच द्वारा पहली बार गढ़वाली भाषा दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान गढ़वाली भाषा दिवस पर उत्तराखंड के लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने बतौर मुख्य अतिथी के रूप में शिरकत की। वहीं कार्यक्रम में उत्तराखंड जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण, लोक गायक जीतेन्द्र पंवार और गढ़वाली फिल्म निर्माता एनएस कैंतुरा भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में गोष्ठी और गढ़वाली गीतों के माध्यम से गढ़वाली बोली-भाषा को बढ़ावा देने की बात कही गयी।

इस मौके पर गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि, उत्तराखंड की लोक भाषाएँ दिन-प्रतिदिन लुप्त होती जा रही हैं, इसलिए आज अपनी बोली-भाषा को बचाने की बहुत जरुरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भाषा का लिपिबद्ध होना भी बहुत ज़रूरी है। वहीं कार्यक्रम में मौजूद जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने कहा कि, अगर हमें अपनी बोली-भाषा को बचाना है तो इस प्रकार के कार्यक्रम करना बेहद ज़रूरी है।

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