अक्टूबर में आयोजित होने वाले ‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड: इन्वेस्टर्स समिट’ को लेकर तेलंगाना में रोड शो

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देहरादून: उत्तराखण्ड सरकार ने 7-8 अक्टूबर 2018 को होने वाले ‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड: इन्वेस्टर्स समिट’ की तैयारी में गुरूवार को हैदराबाद, तेलंगाना में एक रोड शो किया। वन श्रम और आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने इस रोड शो को संबोधित किया। इस अवसर पर बेंगलुरु में उत्तराखण्ड सरकार के कुछ अधिकारियों ने भी भीड़ को संबोधित किया जिनमें मनीषा पंवार, प्रधान सचिव, इंडस्ट्रीज, सौजन्या, डायरेक्टर जनरल एवं कमिश्नर, इंडस्ट्रीज, और एमडी, सिडकुल, उत्तराखंड सरकार और अमित सिन्हा, डायरेक्टर, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी, उत्तराखण्ड सरकार शामिल थे। उत्तराखण्ड के सरकारी अधिकारियों के अतिरिक्त सहित कॉर्पोरेट जगत के अनेक लीडर और विशेषज्ञ भी मौजूद थे।

इस रोड शो का मुख्य उद्देश्य लोगों को उत्तराखण्ड में निवेश के अवसरों के बारे में जानकारी देना और ‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड: इन्वेस्टर्स समिट 2018’ के लिए सक्रिय भागीदारी के लिए आकर्षण पैदा करना था। रोडशो को उत्साहवर्द्धक समर्थन मिला और तेलंगाना के निवेशकों ने अपनी दिलचस्पी का प्रदर्शन किया। उत्तराखण्ड सरकार के प्रतिनिधि मंडल ने राज्य के 12 प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को उजागर किया जिनमें खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी एवं फूलों की खेती, हर्बल एवं एरोमैटिक, पर्यटन एवं आतिथ्य, तंदुरुस्ती एवं आयुष, औषधि, ऑटोमोबाइल, कुदरती रेशे, सूचना प्रौद्योगिकी, अक्षय ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी एवं फिल्म शूटिंग सम्मिलित हैं।

इस दौरान वन श्रम और आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि ”उत्तराखण्ड में हमने कारोबार के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है। हमारी ब्यूरोक्रेसी की कार्यपद्धति सहज है जो हमारे राज्य में निवेश बढ़ाने में सहायता करती है। उन्होंने कहा कि ‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड इन्वेस्टर्स समिट 2018’ के माध्यम से हम निवेशकों के लिए एक मंच मुहैया करना चाहते हैं जहाँ वे हमारे राज्य उत्तराखण्ड की संभावनाओं और व्यवसाय करने की सहजता को समझ सकें।

वहीं मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड उत्तर भारत में निवेश करने के लिए सबसे समृद्ध बाजारों में से एक है और यहां से दिल्ली एनसीआर एवं उत्तर प्रदेश और शेष उत्तर भारत जैसे घरेलू बाजारों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। राज्य की प्रमुख औद्योगिकी एवं तकनीकी केंद्रों से शानदार संपर्कशीलता है और यह हवाई एवं सड़क मार्गों के जरिये देहरादून से जुड़े हैं। अगले 6 महीनों में इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है। सभी जिला मुख्यालयों को जल्द ही भारत सरकार की योजना के तहत जोड़ा जायेगा और यह राज्य बाजार में निवेशकों को अधिक सुलभता प्रदान करेंगे। हम विभिन्न निवशकों एवं उद्योगों के लिए 50 प्रमुख निवेश परियोजनाओं की घोषणा करने की प्रक्रिया में हैं, इसका विवरण जल्द ही हमारी वेबसाइट पर साझा किया जायेगा।

उद्योग जगत के लीडर्स को संबांधित करते हुए मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव, इंडस्ट्रीज, उत्तराखण्ड ने कहा कि, हमारे राज्य में अनेक कृषिक-भौगोलिक-जलवायु क्षेत्र हैं जहाँ खासकर अक्षय ऊर्जा, फूल की खेती, हर्बल और एरोमेटिक, फार्मा, बायोटेक्नोलॉजी, आइटी और खाद्य प्रसंस्करण जैसे विभिन्न उद्योगों के लिए भौगोलिक लाभ प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड का जीएसडीपी वृद्धि दर 11.2 प्रतिशत है और इसे औद्योगिक नीति एवं प्रचार विभाग (डीआइपीपी) और वर्ल्ड बैंक की नवीनतम रिपोर्ट में कारेाबारी करने में आसानी में पहाड़ी राज्यों में नंबर 1 का दर्जा दिया गया है। उत्तराखण्ड में साक्षरता दर 79 प्रतिशत है और यहां विभिन्न उद्योगों के लिए कुशल जनबल की भरमार है। जहां तक यात्रा की बात है, राज्य के लिए रेल, सड़क और हवाई संपर्कशीलता शानदार है और देहरादून से हर दिन 22 उड़ानें उड़ान भर रही हैं।‘‘

वहीं अमित सिन्हा ने कहा कि ”उत्तराखण्ड सरकार अपने राज्य में आइटी सेक्टर को आगे बढ़ाने पर काफी जोर दे रही है। सरकार की नीतियों और पहलकदमियों से निवेश के अनंक अवसर उत्पन्न हुए हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर, इनक्यूबेशन सेंटर और ग्रामीण बीपीओ आदि की स्थापना सम्मिलित है। विभिन्न उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य में कारेाबारी की उत्कृष्ट परिस्थितियां और शानदार टैलेंट पूल मौजूद है। हम आइटी इंडस्ट्री के लिए प्लग एंड प्ले फैसिलिटीज लाने की योजना बना रहे ताकि राज्य में आसानी से परिचालन किया जा सके।

वहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र के बारे में उत्तराखण्ड सरकार ने पीपीपी पद्धति पर निवेश के विभिन्न अवसरों की चर्चा करते हुंए मेडिसिटी/हेल्थकेयर सिटी, हब और स्पोक पद्धति पर नैदानिक सुविधा, खाद्य एंव औषधि परीक्षण एवं आर ऐंड डी केन्द्र एवं अन्य गतिविधियों के विकास की जानकारी दी। इस दौरान बताया गया कि राज्य के विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने तथा समग्रतापूर्ण आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने नीतिगत मामलों में अनेक कदम उठाए हैं। औद्योगिक वातावरण को बेहतर बनाने और कारोबार के सहायक के रूप में कार्य करने के लिए राज्य एमएसएमई नीति 2015 और बृहत् औद्योगिक एवं निवेश नीति 2015 के अलावा व्यावसायिक क्षेत्रवार समर्पित नीतियाँ प्रारूपित की गई हैं। सिंगल विंडो सिस्टम से सभी महत्वपूर्ण सेक्टर्स में स्वीकृति की प्रक्रिया सरल हो गई है।

बता दें कि अक्टूबर में आयोजित होने वाला यह सम्मेलन उत्तराखण्ड राज्य का पहला निवेशक सम्मेलन होगा जिसका आयोजन देहरादून में किया जा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। यह एक विशाल आयोजन होगा जिसमें वैश्विक व्यावसायिक पारितंत्र से निवेशकों, विनिर्माताओं, उत्पादकों, नीति निर्धारकों और संगठनों का समूह एकत्र होगा। इस समिट में, राज्य में औद्योगिक विकास की गति तेज करने के लिए मुख्य रूप से 12 फोकस सेक्टरों पर केंद्रण किया जायेगा इससे घरेलू और विदेशी दोनों तरह के निवेशकों को इन क्षेत्रों में निवेश एवं व्यापार के अवसर उपलब्ध होंगे।

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