दून में हुआ फायर सर्विस का ‘माॅक ड्रिल’

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देहरादून: राजधानी दून में गुरुवार को उत्तराखंड शासन गृह प्रमुख सचिव, आनन्द बर्द्धन द्वारा फायर स्टेशन देहरादून में फायर सर्विस एवं आपदा उपकरणों का निरीक्षण किया गया। इस मौके पर पुलिस महानिरीक्षक, अग्निशमन एवं आपात सेवा उपनिदेशक भी मौजूद रहे। इस अवसर पर ‘फायर सर्विस देहरादून’ द्वारा फायर सर्विस माॅक ड्रिल एवं आपदा उपकरणों का प्रदर्शन किया गया।

माॅक ड्रिल के दौरान दिखाया गया कि फायर सर्विस द्वारा विषम परिस्थितियों में धुएँ से भरे बिल्डिंग में छोटी और संकरी खिड़की से, अन्दर फसें व्यक्तियों को कैसे निकाला जाता है। इस माॅक ड्रिल में अग्निशमन भवन के प्रथम तल में धुऐं से भरे एक कमरे को दशार्या गया, जिसमें धुआं किया गया। अग्निशमन दल की चुनौती थी कि इस भवन में आग बुझाते हुए रेस्क्यू कार्य करते हुए घायलों को निकालना। अग्निशमन अधिकारी शिव प्रसाद ममगाईं के नेतृत्व में ब्रीदिंग आपरेट्स एवं प्रोक्सिमिटी सूट जैसे अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित अग्निशमन यूनिट ने लैडर लगाई एवं छोटे से स्थान से होते हुए धुऐं भरे कमरे में दाखिल हुये तथा घायल व्यक्ति को निकाला।

इस दौरान आग बढने पर लैडर पर फेस-अप एवं फेस-डाउन करते हुए अग्निशमन कर्मी स्लाइड करते हुए नीचे आये। इसके बाद कृत्रिम गैलरी में आग लगाकर बीच में फंसे व्यक्ति को आग की लपटों से जूझते हुए अग्निशमन विभाग के फायरमैन मनमोहन सिंह द्वारा बचाने का प्रदर्शन किया गया। यदि पहाडों पर उफनती नदी या किसी खाई को पार करना हो तो रस्सी की सहायता से इम्प्रोवाइज ट्रेवलिंग ट्रेवस बनाना पड़ता है।

अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों द्वारा पहाडों की विषम परिस्थितियों को देखते हुए भी प्रदर्शन कर, घायल व्यक्ति को खाई के एक ओर से दूसरी ओर ले जाने की विधि भी दर्शाई गई। इसके साथ ही रस्सी से रेपलिंग करते हुए खाई में उतरने का प्रदर्शन भी किया गया। पूरे डेमोस्ट्रेशन के कार्डिनेटर फायरमैन मनीष प्रसाद मौजूद रहे। मनीष ने बताया कि अग्निशमन कर्मी प्रत्येक अग्नि दुर्घटना में सेविंग एवं सरवाइविंग के बीच चलते है, एवं इस दौरान उन्हें स्वयं एवं अपने साथियों को सुरक्षित रहते हुए अन्य व्यक्तियों को बचाना पड़ता है। अग्निशमन अधिकारी शिव प्रसाद ममगाईं ने बताया कि फायर कर्मी बुरी से बुरी हालत में ब्रीदिंग अपरेटस पहनकर अपनी जान को जोखिम में डालते हुए कार्बन मोनो आक्साईड, हाईड्रोजन साइनाईड जैसी विषैली गैसों के धुएँ से भरे कमरें में खोज एवं बचाव कार्य कर प्रभावित व्यक्ति को जीवन दान देते हैं।

इस वर्ष देहरादून सहित पूरे उत्तराखण्ड में भीषण आग की घटनाऐं घटित हुई है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी एसके राणा ने बताया कि अग्निशमन यूनिटें प्रत्येक समय तैयारी की दशा में रहती है। विशेष अवसरों पर जनजागरूकता अभियान चलाये जाते है। इस अवसर पर अग्निशमन एवं आपात सेवा के उपनिदेशक सुरेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि अग्निशमन विभाग में वर्तमान में आपदा एवं बचाव कार्य तथा अत्याधुनिक अग्निशमन वाहन एवं उपकरण है, बावजूद उसके वर्तमान में बढते फायर हजार्ड को देखते हुए अन्य उपकरणों की मांग शासन स्तर पर की जा रही है। उत्तराखण्ड में प्रत्येक दिन औसतन लगभग 6 अग्नि दुर्घटनाऐं होती है, एवं प्रत्येक दिन औसतन एक रेस्क्यू की घटना होती है। फायर सीजन में फारेस्ट फायर की संख्या में बेहताशा व़ृद्धि हो जाती है। आकड़ों की मानें तो वर्ष 2017 में अग्नि शमन एवं रेस्क्यू कार्यों में लगभग 563 व्यक्तियों को तथा 159 पशुओं को बचाया गया। इसके अतिरिक्त लगभग 252 करोड की सम्पत्ति को भी जलने से बचाया गया।

वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा जीएस मार्तोलिया ने कहा कि वर्तमान में अग्निशमन एवं आपात सेवा द्वारा फायर सर्विस कर्मियों की भर्ती की जा रही है। नये स्थानों पर फायर स्टेशन व फायर यूनिट खोले जाने के प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराये जा रहे है। जिसमें माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सहमति भी व्यक्त की गई है। अग्निशमन विभाग के विशेषीकृत प्रशिक्षण एवं आधुनिक उपकरणों के सम्बन्ध में भी शासन स्तर से वार्ता चल रही है। भविष्य में अग्निशमन विभाग और अधिक प्रभावी होगा।

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