मौत की छत के नीचे बांच रहे आखर!

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मसूरी: सरकार के लाख दावे करने के बावजूद हमें कोई न कोई ऐसा उदाहरण देखने को मिल ही जाता है, जो सरकार के सभी दावों को केवल हवाई साबित कर देता है। जी हां ऐसा ही एक और सरकार का दावा हवाई साबित हो रहा है।

टिहरी गढ़वाल के जौनपुर ब्लाक भवान के भाल की मान्डे गाँव के राजकीय उच्च प्रा.विद्यालय की हालत जर-जर अवस्था में है जो विभागीय अधिकारियों की पोल खोल रहा है।

जरा स्कूल की हालत तो देखिये, वीडियो में साफ़ नज़र आ रहा है कि स्कूल भवन किस प्रकार जर-जर अवस्था में है। स्कूल की छत टूटी हुई है जिस कारण बरसात में सारा पानी क्लास रूम के अन्दर गुस जाता है और बच्चों को पढाई करने में परेशानियाँ उठानी पड़ती हैं। खिड़कियाँ और दरवाजे भी पूरी तरह से टूटे हुए हैं। बच्चों की माने तो उन्हें हर वक्त डर लगा रहता है की न जाने कब स्कूल की छत उनके ऊपर आ गिरे। लेकिन वो भी क्या करें वो मजबूर हैं ऐसे स्कूल में पढने को जहाँ ऐसे हाल हैं।

बता दें कि स्कूल में 99 बच्चे हैं। स्कूल भवन की हालत इतनी ख़राब है कि स्कूल की छत कभी भी नीचे गिर सकती है ।

स्कूल के अध्यापक ने बताया की भवन की जर.जर हालत की वजह से वे बिजली का कनेशन भी नहीं ले पा रहे हैं और हाल यह हैं कि बारिश से बचने के लिए अभिभावकों ने स्कूल की छत के लिए तिरपाल दी है जिससे गुज़ारा चल रहा है ।

देखा जाए तो सरकार एक ओर तमाम दावे कर रही है कि सरकारी स्कूलों की हालत सुधर रही है और अन्य सुधारीकरण का कार्य जारी है। लेकिन न जाने कब तक यह जुबानी बात धरातल पर नज़र आएगी ।

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