आपसी समझौते से कश्मीरी कर सकेंगे मसूरी में व्यापार!

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मसूरी : पिछले कुछ समय से पहाड़ों की रानी मसूरी में कश्मीरी व्यापारियों के खिलाफ हिन्दू संगठन जमकर विरोध कर रहे हैं। संगठनों का कहना है कि व्यापर के नाम पर धीरे-धीरे कश्मीरी पुरे मसूरी में बसने लगे हैं। इस संबंध में सोमवार को मसूरी उपजिलाधिकारी मीनाक्षी पटवाल के नेतृत्व में बैठक आयोजित की गई। बैठक में कश्मीरी व्यापारियों के मुद्दे पर चर्चा की गयी।
व्यापार मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा की मुद्दा कश्मीरी व्यापारियों और दुकान मालिक का नहीं है बल्कि किरायेदार और दुकान मालिक का है और जो दुकान मालिक या किराएदार की इच्छा होगी उसके ही अनुसार किरायेदार रहगा। इसमें व्यापार मंडल के पदाधिकारियों की किसी भी प्रकार की रोक-टोक नही होगी। वहीं उपजिलाधिकारी मीनाक्षी पटवाल ने कहा की कुछ समाचार पत्रों द्वारा भ्रमक खबरे फेलाई गई थी जो की बेबुनियाद हैं। बैठक में व्यापार मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल, उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी, भाजपा युवा मोर्चा के पद अधिकारीयों और कश्मीरी व्यापारियों ने शिरकत की।

दरअसल, कुछ महीने पहले मसूरी के भाजपा युवा मोर्चा और हिन्दू जागरण मंच के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि मसूरी दुकानदार मंजूर अहमद ने अपने फेसबुक पेज पर पाकिस्तानी सेना की तारीफ वाली पोस्ट डाली थी। 59 वर्षीय मंजूर अहमद कश्मीर के बडगाम जिले के हमहमा का रहने वाला है। मंसूर अहमद मसूरी के पांच सबसे पुराने कश्मीरी दुकानदार परिवारों में से एक है। इस प्रकरण के बाद ही मसूरी में कश्मीरी व्यपारियों का मसूरी में व्यापर करना संदेह के घेरे में था। 

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