कर्ज में डूबे किसान ने लौटाए पीएम सम्मान निधि के 2000, खुद के लिए मांगी मौत

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नई दिल्ली : बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू की थी जिसके तहत किसानों को 2 हजार रुपये की रकम दी जा रही है। लेकिन उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के एक किसान ने ना केवल पहले इन्स्टॉलमेंट में मिली 2000 रुपए की रकम वापस कर दी है बल्कि योगी सरकार से इच्छामृत्यु की भी मांग की है। आलू किसान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है। 39 साल के प्रदीप शर्मा ने बताया कि उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को 2,000 रुपए भेज दिए हैं और अगर मुख्यमंत्री उनकी मदद नहीं कर सकते हैं तो वह उनको कम से कम इच्छामृत्यु की अनुमति दे दें। आलू किसान ने यह भी कहा कि उनपर 35 लाख रुपये का कर्ज है। शर्मा ने बताया कि उनका परिवार एक छोटे से किराये के मकान में रहता है।

प्रदीप शर्मा ने बताया कि उन्होंने 2016 में फसल बर्बाद होने के बाद जिला प्रशासन और राज्य सरकार को पत्र लिखकर मदद मांगी लेकिन कभी कोई जवाब नहीं मिला। शर्मा कहते हैं, ‘पिछले साल दिसंबर में मैं केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से मिलने दिल्ली गया था, लेकिन वहां से भी खाली हाथ लौटना पड़ा।’ प्रदीप ने अपनी परेशानी का जिक्र करते हुए कहा कि जब 2015 में उनके चाचा की कर्ज के बोझ तले दबे होने कारण हार्ट अटैक से मौत हो गई तो लगा था कि जिला प्रशासन कुछ करेगा लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। पिछले साल दिसंबर में, महाराष्ट्र के एक प्याज किसान ने विरोध स्वरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 750 किलो प्याज बेचने से मिली 1,064 रुपये की रकम लौटा दी थी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत किसानों को एक साल में तीन किश्त के जरिए 6 हजार रुपए दिए जाते हैं।

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