उत्तराखंड: कड़े प्रशिक्षण के बाद 218 रिक्रूट बने सेना का हिस्सा

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लैंसडाउनः भवानी दत्त जोशी परेड ग्राउंड में एक भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ। कोर्स 84 के 218 रिक्रूट, राष्ट्रीय और रेजिमेंट की विधिवत शपथ लेकर सेना में शामिल हो गए। गढ़वाल राइफल का एक बड़ा गौरवशाली इतिहास रहा है देश की आन बान और शान की सुरक्षा के लिए गढ़वाल राइफल ने असंख्य कीर्तिमान स्थापित किए हैं। चाहे वह विश्वयुद्ध हो या फिर पड़ोसी देशों से हुआ कई बार युद्ध। गढ़वाल राइफल के जवानों ने सभी मोर्चों पर दुश्मनों को धूल चटाई है।

गढ़वाल राइफल के जवानों के कंधों पर लगी लाल रंग की रॉयल रस्सी इसकी वीरगाथा का परिचायक है। इसी गढ़वाल राइफल को विक्टोरिया क्रॉस भी प्राप्त हुए हैं। लैंसडाउन की भवानी दत्त जोशी परेड ग्राउंड में जवानों के चेहरे और दिल में देशभक्ति का जज्बा लेकर उनके बढ़ते कदम ताल देखने को बने। इस मौके पर ट्रेनिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल बिक्रमजीत सिंह विर्क ने परेड निरीक्षण किया और मेजर जनरल अजय सेठ ने परेड की सलामी ली और उन्हें शपथ दिलाई। इस मौके पर जवानों के परिजनों का खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने अपनों को सेना की वर्दी में देखकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस किया।
वहीँ मेजर जनरल अजय सेठ ने कहा आज बड़े गर्व की बात है कि कोर्स 84 के 218 रिक्रूट सेना में शामिल हो गए हैं और उनका विश्वास है कि आने वाले दिनों में ये सैनिक गढ़वाल राइफल का नाम और ऊंचा करेंगे।

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