त्रिवेन्द्र सरकार की बदहाल कार्यप्रणाली से उच्च न्यायालय ने ही सम्भाला मोर्चा, त्रिवेन्द्र सरकार हो बर्खास्त: नेगी

Please Share
विकासनगर: जनसंघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं ने तहसील में त्रिवेन्द्र सरकार की बर्खास्तगी को लेकर मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी की गैर मौजूदगी में तहसीलदार का घेराव कर महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन तहसीलदार विकासनगर प्रकाश शाह को सौंपा।
नेगी ने कहा कि, विगत कई माह से त्रिवेन्द्र सरकार की कार्यप्रणाली, भ्रष्टाचार, अधिकारियों पर अंकुश लगाने में नाकामी एवं जनता के हितों से हो रहे खिलवाड़ को लेकर जिस प्रकार से उच्च न्यायालय द्वारा मोर्चा सम्भाला गया है, उससे स्पष्ट होता है कि प्रदेश में सरकार/कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है।
नेगी ने कहा कि गत माह सितम्बर 2018 को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने भरी अदालत में टिप्पणी की थी कि ‘‘प्रदेश में कहीं ईमानदारी नहीं दिख रही है इत्यादि’’ तथा प्रदेश में सफाई व्यवस्था, कानून व्यवस्था, जनता के छोटे-मोटे कामों पर न्यायालय का जिस प्रकार हन्टर चल रहा है, उससे त्रिवेन्द्र सरकार के पास कहने को कुछ नहीं रह जाता है।
नेगी ने कहा कि, प्रदेश की कामकाज/प्रशासनिक व्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, प्रदेश में सफाई व्यवस्था तक के मद्देनजर न्यायालय को दखल देना पड़ रहा है तथा प्रदेश में सफाई न्यायालय के आदेश पर हो रही है। जब से त्रिवेन्द्र सरकार ने कार्यभार सम्भाला है, तब से जनता का भरोसा सरकार से ज्यादा न्यायालय पर बड़ा है तथा प्रदेश का हर व्यक्ति अपने छोटे-मोटे कार्यों के लिए भी न्यायालय की शरण ले रहा है। आलम यह है कि सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है।
नेगी ने कहा कि न्यायालय की मुस्तैदी एवं जनता का न्यायालय के प्रति विश्वास बढ़ना बहुत अच्छा कदम है, लेकिन, अगर सबकुछ न्यायालय की दखल के उपरान्त ही होना है तो फिर सरकार की आवश्यकता ही क्या है।
मोर्चा ने महामहिम राज्यपाल से मांग की है कि, न्यायालय की तल्ख टिप्पणियों एवं प्रदेश में कानून का राज समाप्त होने के मामले में त्रिवेन्द्र सरकार को बर्खास्त करें, जिससे जनता को राहत मिल सके।

You May Also Like