जानी मानी उर्दू लेखिका ‘चुगताई’ कोे गूगल ने डूडल बनाकर किया याद

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देहरादून: गूगल ने मंगलवार को जानी-मानी उर्दू लेखिका इस्मत चुगताई को डूडल बनाकर याद किया है। इस्मत चुगताई का आज 107वां जन्मदिन है और गूगल ने अपने डूडल में इस्मत को कुछ लिखते हुए दिखाया है। बता दें कि इस्मत को कहानी ‘लिहाफ’ और उपन्यास ‘टेढ़ी लकीर’ के लिए जाना जाता है। बता दें कि इस्मत चुगताई ने अपनी रचनाओं के जरिये महिलाओं के सवालों को नए सिरे से उठाया। इस्मत चुगताई का जन्म 21 अगस्त 1915, बदायूं (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उनकी आज 107वीं जयंती है। इस्मत चुगताई लिहाफ कहानी के कारण मशहूर हुई थी। 1942 में उनकी शुरुआती विवादास्पद कहानियों में शामिल ‘लिहाफ’ ने उन्हें पहचान दिलाई। उन्हें महिलाओं की आवाज उठाने और समाज में उन्हें आगे उठाने के लिए जाना जाता है। उनके लेखों में 20वीं सदी की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों में छोटे घरों की लड़कियों की हालत, मनोदशा और वंशवाद के खिलाफ खुलकर लिखा।

इस्मत चुगताई ने कई फिल्मों की स्क्रिप्ट भी लिखी और उन्होंने जुगनू फिल्म में अभिनय किया था। सबसे पहली फिल्म 1943 में ‘छेड़-छाड़’ आई और उनकी आखिरी फिल्म ‘गर्म हवा’ थी जो 1973 में रिलीज हुई। इस फिल्म ने खूब कामयाबी हासिल की और इस्मत चुगताई को कई अवॉर्ड्स भी मिले।

1976 में उन्हें भारत सरकार की तरफ से प्रतिष्ठित पद्म श्री अवॉर्ड मिला। उन्हें साहित्य अकादमी अवॉर्ड, नेहरू अवॉर्ड जैसे कई दूसरे अहम सम्मान भी मिले। 24 अक्टूबर, 1991 को उनका निधन हुआ। इस्मत चुगताई को महिलाओं के हक की आवाज उठाने और उनके मुद्दों को कहानियों के जरिए समाज के सामने रखने के लिए जाना जाता है। इस्मत चुगताई की मुख्य कहानियों में छुई-मुई, चोटें, कलियां, एक बात, शैतान जैसी कृतियां शामिल हैं। उन्होंने जिद्दी, जंगली कबूतर, अजीब आदमी, मासूमा और टेढ़ी लकीर जैसे कई उपन्यास भी लिखे। इसके अलावा उनकी आत्मकथा ‘कागजी है पैरहन’ नाम से प्रकाशित हुई।

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