जमनालाल बजाज पुरस्कार से नवाजे गए बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता धूम सिंह नेगी

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देहरादून: पर्यावरणविद् एवं सर्वोदयी नेता धूम सिंह नेगी को वर्ष 2018 के 41वें जमनालाल बजाज पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्हें यह सम्मान उन्हें मुंबई में उपराष्ट्रपति वैकया नायडू, महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने प्रदान किया। पुरस्कार के रूप में उन्हें 10 लाख रुपये की धनराशि, सम्मानपत्र, ट्रॉफी और शॉल प्रदान की गई।

प्रसिद्द गांधीवादी चिन्तक -सर्वोदयी कार्यकर्ता धूम सिंह नेगी को सामाजिक कार्यों के लिए “जमनालाल बजाज ” पुरस्कार मिलना सभी पर्वतजनों के लिए हर्ष एवं सम्मान का विषय है।

सन् 1972 में हाईस्कूल के प्रधानाचार्य की नौकरी छोड़ , गांधी -बिनोबा -सरला बहन के पदचिन्हों का अनुसरण करने वाले धूम सिंह नेगी प्रचार-प्रसार से दूर ही रहना पसंद करते हैं। 70 के दशक के दौरान राज्य में चिपको आन्दोलन की अलख जगाने वाले गौर देवी, सुन्दरलाल बहुगुणा, चंडी प्रसाद भट्ट, विजय जड्धारी, स्वर्गीय कुंवर प्रसून, स्वर्गीय प्रताप शिखर, मान सिंह रावत, बिहारी लाल, विमला बहुगुणा, स्वर्गीय घनश्याम शैलानी, राधा भट्ट, सदन मिश्र जैसे लोगों के साथ धूम सिंह नेगी जी एक प्रमुख नाम थे। 

धूम सिंह नेगी जी उन गिने चुने गांधीवादी -सर्वोदयी कार्यकर्ताओं में से हैं जिन्होंने पद-पैसा -सम्मान को हमेशा ही गौण समझा। 80 के दशक में, जब अमेरिकी फंडिंग एजेंसी-फोर्ड फाउंडेशन ने वित्तीय सहायता की आड़ में गांधीवादी-सर्वोदयी सामाजिक संस्थाओं-कार्यकर्ताओं को भ्रष्ट करने का कार्य शुरू किया था, तो धूमसिंह नेगी जी उन चंद गिने-चुने लोगों में से एक थे, जिन्होंने धन-सुविधा के मोह में फंसे बिना अपना कार्य जारी रखा और आज भी जारी है। आन्दोलनों के लिए प्रसिद्द हेंवलघाटी घाटी (टिहरी गढ़वाल ) के प्रिय पुत्र एवं ग्राम स्वराज अभियान, बीज बचाओ आन्दोलन, भूदान आन्दोलन, चिपको आन्दोलन, टिंचरी विरोधी आन्दोलन, टिहरी बाँध विरोधी आन्दोलन, जैसे अनेकों आन्दोलनों के महान योद्धा को नमन।  यह सम्मान उन हजारों-हजार अनाम कार्यकर्ताओं का सम्मान है ,जिन्होंने शिखर की चमक की बजाय बुनियाद का अँधेरा और ख़ामोशी पसंद किया।

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