ऋषिकेश में हुआ अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारम्भ

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देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को गंगा रिजोर्ट, शीशमझाड़ी ऋषिकेश में अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारम्भ किया। उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद, गढ़वाल मण्डल विकास निगम एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में अपने संबोधन में सीएम रावत ने कहा कि महर्षि पतंजली को योग के जनक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने योगसूत्र ग्रंथ से योग को सम्पूर्ण विश्व में प्रचारित किया। सीएम रावत ने कहा कि आज पूरे विश्व में योग पर विशेष बल दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से प्रतिवर्ष 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। आज भारत योग के माध्यम से विश्व को शांति का संदेश दे रहा है।

भारत ने योग के माध्यम से स्वस्थ विश्व की परिकल्पना दी है। रोग मुक्त और स्वस्थ रहने के लिए योग सर्वोत्तम तरीका है। योग शांति, सुख और आध्यात्म की राह दिखाता है। हिंसा की प्रवृत्ति को छोड़कर अहिंसा के मार्ग की ओर ले जाने का कार्य योग विद्या ही कर सकती है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर योग एवं संस्कृत की मांग तेजी से बढ़ रही है। संस्कृत भाषा के रूप में एवं योग कर्म के रूप में हिंसा की प्रवृत्ति को रोककर अहिंसा के पथ ले जाने में सहायक है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि संस्कृत के मूल तत्व को समझना जरूरी है। योग महोत्सवों में संस्कृत को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। ऋषिकेश योग की राजधानी के रूप में जाना जाता है। योग के कारण ही ऋषिकेश की दुनिया में अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि योग महोत्सव में विदेशों से आये अतिथियों को पूर्ण सहयोग एवं अच्छा वातावरण दिया जाए, जिससे उत्तराखण्ड की विशिष्ट संस्कृति की पहचान विश्व स्तर तक पहुंचे।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने संत नगरी ऋषिकेश में चल रहे योग महोत्सव एवं होली की बधाई देते हुए कहा कि स्वस्थ एवं सुखी जीवन के लिए योग करना जरूरी है। इस मौके पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि आज भारत विश्व को योग एवं आध्यात्म का ज्ञान दे रहा है। योग विश्व शांति के पथ पर ले जाने का कार्य कर रहा है। विश्व को योग देकर भारत ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। वन मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने कहा कि हजारों वर्षों से हिमालय की तलहटियों में ऋषियों ने योग साधना की। उत्तराखण्ड की धरती हमेशा से ही योग के लिए प्रसिद्ध रही है। प्रधानमंत्री मोदी एवं योग गुरू बाबा रामदेव ने योग को पूरी दुनिया में फैलाने का कार्य किया है। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि भारत योग की जननी है। दुनिया को योग सिखाने का कार्य हमारे योग गुरू कर रहे हैं।

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