हेली ऑपरेटरों ने सीएम व अजय भट्ट को कराया अपनी परेशानियों से अवगत, मिला आश्वाशन

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देहरादून: चारधाम यात्रा में हेली सेवाओं को लेकर बीते कल सभी हेली ऑपरेटर, जो टेंडर की शर्तों के हिसाब से योग्य हैं और वो भी जो शर्तों के हिसाब से योग्य नहीं हैं, सभी ने मुख्यमंत्री व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को   अपनी परेशानियों से अवगत कराया। उन्होंने मुख्य रूप से मांग की है कि, टेडर में ऐसी शर्तें रखी जाये, जिससे अधिक-से-अधिक ऑपरेटरों को इसमें भाग लेने का मौका मिले। क्योंकि यात्रियों के हिसाब से मात्र 9 हेलीकॉप्टर पर्याप्त नहीं हैं। ऐसे  में यदि अधिक-से–अधिक ऑपरेटरों को मौका मिलता है, तो जहाँ एक ओर इससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी, वहीँ स्थानीय हेलिपैड से जुड़े हजारों लोगों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

वहीँ इस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने ऑपरेटरों को उनकी समस्यों को हल करने का आश्वाशन दिया है। जिस कारण आज शनिवार को टेंडर में कुछ हल्के संशोधन किये गये। लेकिन ऑपरेटरों की  मांग के हिसाब से अभी भी मुख्य शर्तों में बदलाव नहीं हो पाया है, हालाँकि मुख्यमंत्री ने ऑपरेटरों को इस बाबत आश्वासन दिया है।

ताजा संशोधन के अनुसार टेंडर की अंतिम तिथि 7 अप्रैल से बढाकर 14 अप्रैल कर दी गई है। इसके साथ ही NSOP का परमिट सेवा देने से पूर्व पेश करना होगा, जो कि 31 दिसम्बर 2018 तक वैध होना चाहिए। लेकिन कई ऑपरेटरों को इस शर्त के चलते परेशानी भी हो सकती है। इसको ऐसे समझा जा सकता है कि, यदि किसी ऑपरेटर का परमिट सितम्बर व अक्टूबर में समाप्त हो रहा तो डीजीसीए के नियमाअनुसार वह परमिट की वैधता से 60 दिन पूर्व ही  नाविनिकरण के लिए आवेदन कर सकता है। ऐसे में ऑपरेटर सेवा शुरू होने के समय इस परमिट की वैधता कैसे पेश कर सकता है। जबकि केवल इस शर्त को अब तक तीन बार संशोधित किया गया, पहले 31 दिसम्बर 2018 फिर 31 मई 2018 और अब यह संशोधन कर दिया गया है। इसके अलावा ऑपरेटरों के लिए केदारनाथ के अनुभव को 3 साल से घटाकर 2 साल कर दिया गया है। आपको बता दें कि, आज टेंडर की अंतिम तिथि है लेकिन, किसी भी ऑपरेटर ने  आज सुबह तक टेंडर के लिए आवेदन नहीं किया।

अब तक टेंडर में पांच संशोधन होने के बावजूद भी इस तरह की शर्तें रखी गई हैं कि, 3-3 साल अनुभव वाले ऑपरेटर भी इससे बाहर हो रहे हैं। टेंडर में संघ बनाने की शर्त के अनुसार अब भी अधिकतम 9 ऑपरेटर ही इस प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे, जबकि केदारनाथ में 14 हेलीपैड मान्यता प्राप्त हैं। लेकिन इतने संशोधन के बाद भी जिस तरह के बदलाव युकाडा द्वारा किये जा रहे हैं, उनसे ना ही ऑपरेटरों, ना ही यात्रियों और ना ही स्थानीय बेरोजगारों को कोई लाभ मिल पा रहा है।

ऐसे में अब मुख्यमंत्री के आश्वाशन के बाद सभी ऑपरेटर व हैलीपैड मालिक मुख्य मांगों को टेंडर में शामिल होने का इन्तजार कर रहे हैं। जिससे उनके साथ ही यात्रिओं को सुविधाओं व स्थानीय लोगों के रोजगार पर भी किसी तरह का प्रभाव न पड़े।

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