हाई कोर्ट ने दिव्यांग (विकलांगता) पेंशन मामले में जिलाधिकारी को दिए निर्देश

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नैनीताल: उत्तराखण्ड हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने दिव्यांग (विकलांगता) पेंशन सम्बन्धी एक पत्र का स्वतः संज्ञान लिया है। 29 अगस्त को  इसकी सुनवाई करते हुए खण्डपीठ ने जिलाधिकारी से याची व दूसरे दिव्यांगों के आधार कार्ड बनाने और दिव्यांग पेंशन देने को कहा है।
अल्मोड़ा निवासी दिब्यांग लक्ष्मण सिंह नेगी ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि, विकलांगता के कारण कई लोगों के आधार कार्ड नहीं बन रहे हैं और इस वजह से उन्हें विकलांगता पेंशन नहीं मिल रही है। न्यायालय ने इसे मामले को अति संवेदनशील मानते हुए प्रशाशन को आदेश दिए  है कि ऐसे लोगों के साथ मानवीयता का व्यवहार करते हुए इनकी समस्याओं का समाधान अति शीघ्र किया जाना चाहिए । खण्डपीठ ने अल्मोड़ा के जिलाधिकारी को आदेश देते हुए कहा है कि याचिकर्ता व अन्य ऐसे  सभी दिव्यांग आवेदकों के आधार कार्ड आज से तीन दिन के भीतर बनाकर इन्हें सौंपे जाएं और न्यायालय ने इस पत्र को जनहित याचिका मेंतब्दील कर  निस्तारित करते हुए यह भी कहा है कि इसके बाद इन्हें सात दिन के भीतर इनकी रुकी हुए पेंशन और एरियर भी दिए जाए । याचिकर्ता ने पत्र में यह भी कहा है कि आधार कार्ड नही बनने के कारण उनको अभी तक विकलांगता की पेंशन से बनचित होना पड़ रहा है।

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