गुर्जर आरक्षण: रेल पटरियों पर कब्जा, वहीं बन रहा खाना और नाश्ता

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राजस्थान: आरक्षण की आग अब और तेजी से भड़कने लगी है। सवर्णों को आरक्षण दिए जाने के बाद गुर्जरों को आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन तेज हो गया है। गुर्जर पांच प्रतिशत आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं। लगातार दो दिन से रेलवे ट्रैक पर हैं। पांच जातियों को पांच फीसदी आरक्षण के नोटिफिकेशन की मांग को लेकर शुक्रवार शाम पांच बजे से शुरू हुआ गुर्जर आंदोलन दूसरे दिन भी जारी है। पहले दिन से जहां ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। वहीं, अब बसों के संचालन को भी गुर्जर आंदोलन प्रभावित करने लगा है।

हजारों गुर्जरों ने राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के मलारना रेलवे स्टेशन से ढाई किलोमीटर दूर मकसूदनपुरा में पड़ाव डाल रखा है। कड़ाके की ठण्ड के बीच गुर्जरों ने यहीं पर रात बिताई। गुर्जरों ने रेल पटरियों के पास तंबू गाड़ रखे हैं। 8 डिग्री न्यूनतम तापमान भी गुर्जरों को हौसला नहीं डिगा पाया। सुबह पाला जमने के बावजूद गुर्जरों ने महापड़ाव जारी रखा। गुर्जर आंदोलन के लिए दौसा का सिकन्दरा चैराहा, पीलूपुरा के बाद अब सवाई माधोपुर के मलारना स्टेशन के पास का गांव मकसूदनपुरा भी चर्चा में है। गुर्जर आरक्षण आंदोलन 2019 का आगाज करने के लिए गुर्जर नेताओं ने मकसूदनपुरा को चुना। इसकी एक वजह यह भी है कि इसके आस-पास गुर्जर बाहुल्य 15 गांव है। इनमें मकसूदनपुरा के अलावा मलारना स्टेशन, नदी बाढ़ बिलोली, चैहानुपरा, गुर्जर टापरी, बालोली, दौनायचा, श्यामौली, रईथा, बौंली, बरियारा, गोठ, मोरपा व डिडवाड़ा आदि शामिल हैं।

आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनरत गुर्जरों ने गांव गुड़ला में जाम लगाने के लिए रोडवेज बसों को रोकना चाहा। ऐसे राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने हिण्डौन-करौली मार्ग पर रोडवेज बसों का संचालन बंद कर दिया है। इससे भरतपुर, जयपुर, अलवर, मथुरा और उदयपुर की ओर जाने वाले बस यात्री प्रभावित होने लगे हैं। दिल्ली से मुम्बई की ओर जाने वाली ट्रेनें सवाई माधोपुर होकर गुजरती हैं, जबकि यही ट्रैक गुर्जर आंदोलन से सर्वाधिक प्रभावित है। ऐसे में शुक्रवार शाम को सवाई माधोपुर के मलारना रेलवे स्टेशन से किलोमीटर दो दूर स्थित मकसूदनपुरा में रेलवे के लेवल क्रॉसिंग नम्बर 167 के पास पटरियों पर महापड़ाव डाला उसके बाद से दिल्ली-मुम्बई के बीच ट्रेनों का संचालन बंद करना पड़ा।

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