धर्माचार्यों को गुजारा भत्ता देने का करें प्रचार-प्रसार: हाईकोर्ट

Please Share

नैनीताल: कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने राज्य सरकार की ओर से विभिन्न धर्मों के धर्माचार्यों को सरकार की ओर से दिए जा रहे गुजारा भत्ते का प्रचार प्रसार करने को कहा है जिससे लाभार्थी इसका लाभ ले सकें।

सरकार की ओर से कोर्ट के समक्ष 27 जनवरी 2016 का शासनादेश प्रस्तुत किया जिसमें साठ वर्ष से अधिक के हिन्दू, मुस्लिम, सिख ,बौद्ध व ईसाई धर्माचार्यों को 800 रुपये भत्ता दिया जाना निर्धारित किया गया था। कोर्ट में 30 जून 2016 का शासनदेश भी पेश किया गया जिसमें गुजारा भत्ता 800₹ से बढ़ा कर 1000₹ करने का उल्लेख था। सरकार द्वारा बुजुर्ग धर्माचार्यों की मदद करने की न्यायालय ने सराहना की। मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी सुभाष जोशी ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखकर कहा था कि मन्दिरो व श्मशानघाट के महाब्राह्मणों की आर्थिक स्थिति ठीक नही है इस काम से उनका ठीक से गुजरा तक नही चल पाता है लिहाजा उनको सरकार से आर्थिक सहायता दिलाई जाए। पूर्व में खण्डपीठ ने सरकार से इसमें जवाब पेश करने को कहा था । गुरुवार को सुनवाई के दौरान महाअधिक्वता ने कोर्ट को अवगत कराया कि सरकार ने इस सम्बन्ध में शासनादेश पूर्व में ही जारी कर दिए थे। और इनकी सहायता के लिए सरकार आर्थिक मदद दे रही है। खण्डपीठ ने सरकार से इसका व्यापक प्रचार प्रसार करने को कहा। कोर्ट ने आशा व्यक्त की कि अपनी वित्तीय स्थिति के अनुरूप सरकार हर 5 वर्ष में इसमें वृद्धि करेगी।

You May Also Like