देवभूमि के शहीद वीरेंद्र की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, ढाई वर्षीय पुत्र ने दी मुखाग्नि

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खटीमा: पुलवामा में आत्मघाती हमले में शहीद विरेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार की सुबह उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर स्थित खटीमा पहुंचा। इस दौरान केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा ने  पार्थिव शरीर को कंधा दिया। पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंतिम यात्रा रवाना हुई।

वीरेंद्र का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही पूरा गांव शोक में डूब गया। हजारों की भीड़ श्रद्धांजलि देने पहुंची। काठगोदम सीआरपीएफ से 35 जवानों की बटालियन अंतिम सलामी को गांव पहुंची। ‘वीरेंद्र जिंदाबाद, वीरेंद्र अमर रहे’ के नारे लगाए गए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा विधायक पुष्कर सिंह धामी, पूर्व विधायक गोपाल सिंह राणा जिलाधिकारी डॉ नीरज खैरवाल, एसएसपी बरिंदर सिंह, एसडीएम विजय नाथ शुक्ला सीओ कमला बेस्ट,  कोतवाल संजय पाठक आदि मौजूद रहे।
शव के घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। पिता दीवान सिंह और पत्नी रेनू बेसुध हैं। पुलवामा में हुए फिदायीन हमले में खटीमा के मोहम्मदपुर भुड़िया निवासी विरेंद्र सिंह राणा (36) क्षेत्र के मोहम्मदपुर भुड़िया निवासी दीवान सिंह (80) के पांच बेटों और बेटियों में सबसे छोटे थे। उनकी माता सावित्री देवी का सात वर्ष पूर्व निधन हो चुका है। बड़े भाई जयराम सिंह वर्ष 2017 में बीएसएफ से सेवानिवृत्त हैं, जबकि मझले भाई राजेंद्र सिंह खेती करते हैं।

विरेंद्र की शहादत की सूचना मिलते ही उनकी पत्नी रेनू (26), उनकी भाभियां और दोनों बहनें रित्छा और पुष्पा बेसुध हो गईं। विरेंद्र के दो मासूम बच्चे बड़ी बेटी रोही (4) और ढाई वर्षीय पुत्र बयान सिंह हैं।

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