देवभूमि के इस वीर सैनिक से खौफ खाते आतंकी, गोली खाकर उबरे तो फिर किये आतंकी ढेर

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देहरादून: कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कुख्यात आतंकी समीर टाइगर और उसके साथी को गढ़ में घुसकर मौत के घाट उतारने वाले देहरादून के मेजर रोहित शुक्ला से आतंकी खौफ खाते हैं। शौर्य चक्र विजेता मेजर शुक्ला एक  अभियान के दौरान हाथ की इंजरी से ग्रस्त हो गये थे, लेकिन एक बार फिर जब वे इस इंजरी से उबरे तो आतंकियों का काल बन कर वापस आये और एक बार फिर उन्होंने आतंकियों को मौत के घाट उतारा। इंजरी से उबरने के बाद इस वीर सैनिक मेजर शुक्ला व उनकी टीम ने एक बार फिर पुलवामा में बीते कल ही को 4 आतंकियों को ढेर किया।

मेजर शुक्ला का बचपन डालनवाला स्थित घर की गलियों में गुजरा है। यहीं वे पले-बढ़े और फिर उन्होंने आइएमए में ट्रेनिंग ली। मेजर रोहित शुक्ला कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ 40 बड़े ऑपरेशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुके हैं। रोहित शुक्ला को हिजबुल के कुख्यात आतंकी समीर टाइगर ने सामने आने की चुनौती दी थी। मेजर शुक्ला ने चुनौती स्वीकार करते हुए 18 घंटे के भीतर आंतकी टाइगर व उसके साथी को उनके गढ़ में घुसकर मारा था। इस पर राष्ट्रपति ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।

वहीँ जून माह में दून रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसायटी व डालनवाला वेलफेयर सोसायटी की ओर से दून इंटरनेशनल स्कूल में मेजर रोहित शुक्ला के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मेजर रोहित शुक्ला को सम्मानित किया। सीएम ने मेजर शुक्ला को एक लाख की सम्मान राशि देने की भी घोषणा की थी।

मुख्यमंत्री के मिडिया सलाहकार दर्शन सिंह ने हैलो उत्तराखंड न्यूज़ से बातचीत में बताया कि, मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप जल्द ही उत्तराखंड सरकार औपचारिक रूप से ‘शौर्य चक्र’ विजेता मेजर रोहित शुक्ला को सम्मानित करेगी।

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