दबंगो की मारपीट से विधवा महिला की मौत

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हरिद्वार : लक्सर थाना क्षेत्र के भोगपुर मे एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। 32 वर्षीय बोहती नाम की अधमरी महिला को परिवार के लोगों ने अस्पताल में एडमिट कराया जहां 22 दिनों तक चले उपचार के बाद उसकी मौत हो गई।

22 दिनो तक वो महिला मिशन अस्पताल मे कोमा मे जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही थी लेकिन मौत के बाद उसकी ये जंग भी खत्म हो गई। हालांकि पुलिस इस मामले को मामूली मारपीट का मामला बता कर खुद का पल्ला झाड़ कर बचने का प्रयास कर रही है। वास्तविकता में ये धार्मिक उपद्रवियो द्वारा की गई हत्या है। बजरंग-दल के प्रदेश सह संयोजक अनुज वालिया ने बताया कि उस महिला को उसे हिंदू होने की सजा मिली है। उसके हत्यारों के खिलाफ 22 दिन में पुलिस कुछ नहीं कर पाई। 506,504 में मुकदमा दर्ज कर कागजी कार्रवाई पूरी करने का प्रयास किया पर दोषियों के घर तक भी पुलिस नहीं पहुंच पाई। वालिया ने कहा कि यह घटना बेहद शर्मनाक है। साथ ही वालिया ने कहा कि महिला की मृत्यु के बाद भी उसका पोस्टमार्टम तक करने को कोई तैयार नहीं था। बजरंग-दल को उस महिला को न्याय दिलाने के लिए बंगाली हॉस्पिटल पर कई घंटे तक धरना प्रदर्शन करना पड़ा। वालिया ने कहा कि ऐसी निर्मम हत्या पूरे हिंदू समाज पर कलंक है। 50 किलो वजन की महिला 22 दिन कॉमा में रहकर 20 किलो की होकर जब मरती है तो उसे देखकर आंखों में आंसू आ गए। अभी तीन चार महीने पहले ही महिला का पति भी गुजर गया है। वालिया ने मांग की है कि चार बच्चों को अनाथ करने वाले गुनहगारों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त धाराओं मे तत्काल मुकदमा कराया जाना चाहिए। लक्सर पुलिस पर निशाना साधते हुऐ अनुज वालिया ने कहा कि पुलिस भी दंबगो को बचाने का प्रयास करती नजर आ रही है, क्योंकि 22 दिन तक किसी की गिरफ्तारी ना होना भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाती है।

वहीँ हैलो उत्तराखंड न्यूज़ से बात करते हुए लक्सर थाना इंस्पेक्टर त्रिवेंद्र सिंह राणा ने बताया कि कुछ दिन पहले मृतक महिला की 4-5 मुस्लिम महिलाओं से झड़प हो गयी थी। जिसके बाद उसके परिजनों ने बंगाली हॉस्पिटल में भर्ती कराया लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी। राणा ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। 

 

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