दारमा घाटी में बारिश के चलते जीवन अस्त-व्यस्त, जानवर व लोगों की जान पर भारी बारिश

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पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ जिले के दारमा घाटी के न्यू सुआ गांव मे भारी बारिश के कारण धूरा नाला उफान मे आ गया। नाले के उफान मे आने से पूरा नाला दलदल से पट गया। इस कारण 12 जानवर नाले के उस पार फंस गये। इन जानवरों को स्थानीय लोगों द्वारा इस दलदल से भरे नाले से निकाला गया। इस रेस्क्यू अभियान में एक जानवर की मौत हो गई, जबकि शेष 11 जानवरों को सुरक्षित स्थान मे पहुंचाया गया। इस रेस्क्यू मे एक स्थानीय युवक भी जख्मी हो गया, जिसे उपचार के लिये धारचूला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मे भर्ती किया गया है। वहीं जिले के अलग-अलग स्थानों पर भी कुदरत की मार देखने के मिल रही हैं। आपको बता दें कि पिथौरागढ़ के दुर्गम इलाकों में इन दिनों भूस्खलन के चलते सफर करना खतरनाक हो गया है। भूस्खलन की इस तस्वीर को देखकर आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं की इंसान की जान को कितना खतरा है। पहाड़ियों में रहने वाले या सफर करने वाले लोगों के हालात पटरी से उतरते जा रहे हैं।
पिथौरागढ़ जिले के थल-मुनस्यारी मोटरमार्ग के बीच रातिगाड़ नामक गाँव की, जहां भूस्खलन के बाद सड़क के मलुवे को हटाती एक जे.सी.बी.मशीन के ऊपर मलबा गिरते-गिरते बचा। मशीन जैसे ही सड़क से हटी वहां पहाड़ी भरभरा कर गिर गई। मशीन का चालक भूस्खलन की संभावना और दरार के बावजूद मालबा हटाने का रिस्क लेता देखा गया है, हालांकि कोई भी अनहोनी होने से बच गई है। अभी भी इस मोटरमार्ग में रातिगाड़ के पास हर वक़्त हादसे की संभावना बनी हुई है।
वही दारमा घाटी की बात करें तो दारमा घाटी के उमचिया गांव के हालात भी काबू में नही, वहां के लोगों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। उमचिया गांव के लोगो का कहना है, कि पिछले 60 दिन के बाद भी वहां के हालात नही सुधरे हैं, जिससे अब लोगों को मजबूरन गिरे हुए पेड़ के सहारे जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। स्थानीय लोगों का कहना यह भी है कि, अगर इन जोखिम भरे रास्तों से आवाजाही के दौरान किसी भी ग्रामीण को नुकसान हुआ तो उसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
वहीं जिलाधिकारी का कहना है कि, दारमा घाटी में सीपीडब्ल्यूडी का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसमे वहां पर पुल बनाने का कार्य भी किया जा रहा है। अन्य जगहों पर भी कार्य किया जा रहा है, वहीं ब्यास घाटी के नजंग, लखनपुर, कंडेरा में हालात ज्यादा खराब है, वहां पर भी बीआरओ द्वारा कार्य किया जा रहा है। वहीं पीडब्लूडी द्वारा पैदल मार्ग खोलने का कार्य किया जा रहा है।

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