दलित मौत मामले में बोले हरीश रावत: मानवीय दृष्टिकोण से आचार संहिता का इससे कोई वास्ता नहीं, सीएम को करनी चाहिए मदद

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मसूरी: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मसूरी में पत्रकार वार्ता करते हुए टिहरी जनपद नैनबाग के कोट गांव में दलित युवक हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि वह दलित परिवार से मिलने उनके गांव गये थे और उनको हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से पीड़ित परिवार को हर संभव मदद देने के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी आग्रह किया है। उन्होने मुख्यमंत्री से मांग की है कि, मानवीय दृष्टिकोण को देखते हुए आदर्श आचार संहिता का कुछ लेना-देना ही नहीं है। उनको आगे आकर पीडित परिवार की मदद करनी चाहिये। जिसके लिये सभी राजनैतिक दल उनके साथ खडे रहेगे।

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि, सोमवार को वह देहरादून के गांधी पार्क में मौन व्रत रखेगे और प्रदेशवासियों को आपसी सौहार्द और भाई चारे बनाने का संदेश देने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जो घटना दलित युवक के साथ हुई है वह चिंतनीय है। वह मौन धारण किसी के पक्ष या विपक्ष के लिये नहीं कर रहे, ना ही राज्य सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं। वह एक प्रायश्चित स्वरूप मौन धारण कर रहे हैं। क्योंकि 21वीं शताब्दी मे भी इस तरीके की शर्मनाक घटना ने सभी को आघात पहुंचाया है। साथ ही इससे उत्तराखंड के मान को भी ठेस पहुंचा है।

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