बैंक में हुआ करोड़ों का घोटाला, बैंक के 10 कर्मचारी निलंबित

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मुंबई : देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का खुलासा होने से हड़कंप मचा हुआ है। पंजाब नेशनल बैंक का 11,500 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने पर बैंक ने अपने 10 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। इस बीच खबर यह है कि अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने पीएनबी को खत लिखकर पैसा चुकाने के लिए 6 महीने का वक्त मांगा है। बैंक की शिकायत पर सीबीआई ने आभूषण व्‍यवसायी नीरव मोदी सहित कई लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। बैंक का आरोप है कि इन्‍होंने साजिशन बैंक के साथ धोखाधड़ी की है।

बैंक द्वारा नीरव मोदी के खिलाफ सीबीआई से इस धोखाधड़ी की शिकायत कर जांच का आग्रह किए जाने के बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है। खबरें यह भी हैं कि नीरव इस समय देश में नहीं हैं।

सीबीआई ने इस मामले में कइयों के घर पर छापेमारी की कार्रवाई की है। इसमें नीरव मोदी, उनके भाई निशाल, पत्‍नी एमी और उनके कारोबारी सहयोगी मेहुल चीनूभाई चौकसी का आवास शामिल है। छापेमारी की कार्रवाई में बैंक के दो अधिकारियों के आवास भी शामिल है।

बैंकिंग सेक्‍टर को हिला कर रख देने वाले इस घोटाले में अब तक जिन कंपनियों के नाम सामने आए हैं उनमें गीतांजलि, नक्षत्र, गिन्‍नी और नीरव मोदी के नाम लिए जा रहे हैं। नीरव मोदी ब्रांड की कंपनी खुद नीरव मोदी का ही है जबकि गीतांजलि के मालिक मेहुल चीनूभाई चौकसी हैं। मेहुल गीतांजलि ग्रुप के सीएमडी हैं। ईडी और सीबीआई ने इन कंपनियों के मालिकों के 10 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है। बैंक का कहना है कि छापेमारी करके उनकी संपत्ति जब्‍त की जा रही है। इन लोगों से पूरा पैसा वसूला जाएगा। 

दरसल पिछले सप्ताह पीएनबी ने सीबीआई के पास एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि 16 जनवरी को सबसे पहले 280.7 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले गारंटी पत्र जारी किए गए। उस समय बैंक ने कहा था कि वह रिकॉर्डों की जांच कर रहा है जिससे पता चल सके कि घोटाला कितना बड़ा है। अपनी शिकायत में पीएनबी ने तीन हीरा कंपनियों डायमंड्स आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड्स का नाम लिया था। शिकायत में कहा गया था कि उन्होंने 16 जनवरी को बैंक से विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान को खरीदार ऋण के लिए संपर्क किया था। बैंक ने एलओयू जारी करने के लिए प्रतिशत का नकद मार्जिन मांगा था जिसका इन कंपनियों ने विरोध करते हुए कहा था कि वे यह सुविधा 2010 से प्राप्त कर रही हैं।

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