तीर्थयात्रियों को वैकल्पिक मार्ग दुरुस्त करने के हवाई दावे, जमीनी स्तर पर दावे खोखले

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रुद्रप्रयाग: चारधाम पर आये तीर्थयात्रियों के वाहनों के चक्के इस बार अनावश्यक नहीं रुक पायेंगे, ऐसा शासन-प्रशासन का दावा है। जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही वैकल्पिक मार्गों को आवागमन के लिए दुरुस्त बनाने का दावा भी किया जा रहा है। आपको बता दें कि, वर्षाकाल के दौरान अक्सर राजमार्ग बाधित हो जाता है, जिससे यात्रियों को घण्टों इंतजार करना पडता है। लेकिन, इस बार जिले के चार वैकल्पिक मार्गों को पूरी तरह से आवागमन के लिए तैयार करने का दावा किया गया है।

केदारनाथ, बद्रीनाथ, हेमकुण्ड साहिब, गंगोत्री व यमुनोत्री को जोडने वाले मार्ग जिले की सीमा के अंर्तगत आते हैं,  जिनमें ऋषिकेश माणा राष्ट्रीय राजमार्ग व रुद्रप्रयाग गौरीकुण्ड राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। प्रशासन का दावा है यदि, संयोगवश राजमार्ग किन्हीं कारणों से बाधित होते हैं, तो आवागमन के लिए पौडी-र्खिसू-खांकरा, खांकरा-छांतीखाल, टिहरी-घनशाली-तिलवाडा व मयाली-गुप्तकाशी मोटर मार्गों को दुरस्त कर दिया गया है। मोटरमार्गों पर संवेदनशील स्थानों पर कर्मचारीयों की संख्या बढ़ा दी गई है और जेसीबी भी तैनात कर दिये गये हैं। साथ ही जहां भी मार्ग क्षतिग्रस्त हैं, वहां सुरक्षा दीवारें व पैच वर्क का कार्य पूरा कर लिया गया है।

लेकिन शासन-प्रशासन के लाख दावों के बावजूद हकीकत कुछ और ही है। बस कुछ दिन पूर्व ही ‘हैलो उत्तराखंड’  ने इन दावों की पोल खोली थी एक खबर के जरिये, जिसमे एक यात्री ने विडियो के जरिये सरकार की तैयारीयों की पोल खोल कर रख दी थी। फाटा से रामपुर, सीतापुर जाने वाली सड़क के बुरे हाल को भी उन्होंने दिखाया। प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की आॅल वैदर रोड़ की बदहाली को देखकर वह काफी हताश  हो गए थे। ऐसे में फिर ये न हो कि, हर देश-विदेश से आने वाले यात्रियों को इसी तरह हताश होना पड़े।

पढ़ें शासन-प्रशासन की पोल खोलने वाली ये खबर: यहाँ क्लीक करें

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