ब्रम्हचारी दयानंद ने डीएम दीपक रावत को दी फिर से ट्रेनिंग में जाने की नसीहत

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हरिद्वार। प्रदेश के चर्चित डीएम में से एक हरिद्वार डीएम दीपक रावत इन दिनों खूब चर्चा में है। लेकिन इन दिनों चर्चा का विषय मातृ सदन द्वारा लगाए गए आरोप है। बीते रोज मातृ सदन के ब्रम्हचारी दयानंद ने पेड़ों पर आरी चलाई तो वन विभाग ने मुकदमा दर्ज कर दिया। विभाग की इस कारवाही का ठीकरा मातृ सदन डीएम रावत पर भोड़ रहा है। मातृ सदन ने नसीहत देते हुए कहा कि डीएम रावत को फिर से ट्रेनिंग में भेजा जाए।

ब्रम्हचारी दयानंद ने वन विभाग के द्वारा की गयी कारवाही की भड़ास डीएम रावत पर निकाली है। ब्रम्हचारी दयानंद ने कहा कि डीएम साहब अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। जो खनन जैसे जघन्य अपराध पर आंख मूंदे हुए है।उन्होंने डीएम रावत पर तंज कसते हुए कहा कि ”जिस दिन डीएम साहब छुट्टी डिक्लेयर करते हैं उस दिन एक बूंद भी बारिश नहीं होती है। और ठंड में जिस दिन छुट्टी डिक्लेयर करते हैं तो उस दिन बहुत बढ़िया धूप निकलती है। इससे यह सीख लें कि इनके पाप के चलते प्रकृति इन से कितना नाराज है” 

गौरतलब है कि बीते रोज आश्रम के बाहर सिंचाई विभाग की जमीन और आश्रम के अंदर लगे शीशम और यूकेलिप्टस के पेड़ों को ब्रम्हचारी दयानंद द्वारा काट दिया गया था। जिसके बाद वन विभाग ने मातृ सदन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि ब्रम्हचारी का कहना है कि उन्होंने अपने घरेलू इस्तेमाल के लिए सूखे पेड़ों का काटा था। साथ ही उन्होंने कहा था कि सूखे पेड़ों को काटने के लिए किसी अनुमति की जरुरत नहीं है।

वहीँ हैलो उत्तराखंड न्यूज़ से बात करते हुए हरिद्वार वन विभाग के डीएफओ आकाश वर्मा का कहना है कि मातृ सदन द्वारा 4 शीशम और 3 यूकेलिप्टस के पेड़ों को काटा गया है। जिसके चलते मातृ सदन पर धारा 4 /10 के तहत जुर्माना लगाया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि शीशम के पेड़ प्रतिबंधित प्रजाति में आते है तो उनकी कटाई के लिए विभाग से अनुमति लेना आवश्यक है। डीएफओ आकाश वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि मातृ सदन द्वारा अपने 2 निजी पेड़ काटे है और 2 सिंचाई विभाग की जमीन पर खड़े पेटों को काटा दिया गया है। जिसके लिए मातृ सदन को लगभग 10 हजार का जुर्माना भुगतना होगा।

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