भूख हड़ताल पर बैठे मनोज की बिगड़ी तबियत, निशंक को जान से मारने की धमकी देने के आरोप से हुआ था बरी

Please Share

पिथौरागढ़भूख हड़ताल पर बैठे ज़िले के बंगापानी तहसील के सीलिंग गाँव के मनोज कुमार की तबियत बिगड़ गई है। जो 28 मई से अपनी मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठा था, जिसकी 30 मई को खराब तबियत होने के कारण प्रशासन द्वारा अस्पताल में भर्ती करवाया गया। और अब मनोज कुमार अस्पताल में अभी तक भूख हडताल में ही है। जिसकी तबियत लगातार बगडती जा रही है। वहीं मनोज कुमार का कहना है कि, जब तक मांग पूरी नही हो जाती भुख हडताल जारी रहेगी।

गौरतलब है कि, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को जान से मारने की धमकी देने के आरोप से बरी युवक जिला मुख्यालय में भूख हड़ताल में बैठ गया। युवक का कहना है कि पुलिस ने झूठे मुकदमे में उसे फंसाया, जिससे उसका पूरा भविष्य बर्बाद हो गया है। युवक ने पुलिस अभिरक्षा और मुकदमे की पैरवी में हुए नुकसान की भरपाई की माँग की है। भूख हड़ताल पर बैठे ज़िले के बंगापानी तहसील के सीलिंग गाँव के मनोज कुमार ने बताया कि 2010 में किसी अज्ञात व्यक्ति ने देहरादून पुलिस को फ़ोन कर तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को बम से उड़ाने की धमकी दी थी। जिसके बाद पुलिस ने मनोज को धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया। जिसके चलते उसे चार महीने जेल में गुजारने पड़े। हालांकि बाद में अदालत ने साक्ष्यों के आभाव में मनोज को दोषमुक्त करार दे दिया। मनोज का कहना है कि इस दौरान पुलिस उसके साथ बुरी तरह मारपीट की जिससे उसका स्वास्थ्य भी खराब हो गया है। साथ ही करीब छः साल चले मुकदमे में उसके 15 लाख रूपये भी बर्बाद हो गए। मनोज ने सरकार से हर्जाने के तौर पर नौकरी दिए जाने के साथ ही उसके भविष्य से खेलने वाले पुलिसकर्मियो को सजा देने की मांग की है। आपको बता दे कि, मनोज  इन सभी मांगो को लेकर इससे पहले 26 जनवरी 2018 को भी आमरण अनशन चुका  है। लेकिन प्रशासन द्वारा उचित कार्यवाही का भरोषा देकर उसका अनशन तुड़वा दिया गया।

You May Also Like