भाई-बहन को निगल गई अलकनंदा

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रुद्रप्रयाग। बद्रीनाथ हाईवे से सटे शिवानंदी के निकट निरवाली गांव में अपने ननिहाल आये दो सगे भाई-बहिन अलकनंदा नदी में बह गये। नदी में काफी खोजबीन के बाद भी भाई-बहिन का पता नहीं चल पाया है। अलकनंदा नदी में सर्च अभियान के लिये पांच टीमें बनाई गई हैं। यह टीमें देर सांय तक जगह-जगह सर्च अभियान चलाती रही, लेकिन इसके बावजूद भी सफलता नहीं मिल पाई। सोमवार को भी सर्च अभियान जारी रहेगा।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार साहिल (17) और सावली (13) पुत्र जगदीश सेमवाल निवासी ब्यूंग गुप्ताशी अपनी मां के साथ अपने ननिहाल निरवाली आये हुये थे। रविवार दोपहर को दोनों भाई-बहिन निरवाली गांव के नीचे अलकनंदा नदी में आये हुये थे। बताया जा रहा है कि दोनों भाई-बहिन नदी के किनारे कुछ देर तक खड़े रहे। इस बीच साहिल नदी किनारे नहाने लगा। नहाते हुए अचानक साहिल नदी की तेज धाराओं में बहने लगा, इतने में साहिल की बहिन सावली साहिल को बचाने के लिये निकली, लेकिन दोनों भाई-बहिन नदी की तेज धारा में समा गये। कुछ आगे तक स्थानीय लोगों ने दोनों भाई-बहिनों को बहते हुये भी देखा। सूचना मिलने के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। नदी में सर्च अभियान के लिये कोतवाली पुलिस, एसडीएआरएफ, फायर सर्विस, घोलतीर पुलिस चैकी टीम के अधिकारी-कर्मचारी और जवान लगे रहे, लेकिन दोनों भाई-बहिनों का कही कुछ पता नहीं चल पाया। उक्त टीमों द्वारा अलकनंदा नदी में रतूड़ा, सुमेरपुर, कोटेश्वर, संगम, जवाड़ी बाईपास आदि तक दोनों बच्चों की खोजबीन की गई। बाद में गौचर आईटीबीपी के जवान भी अलकनंदा नदी में अलग-अलग टुकड़ों में सर्च अभियान चलाते रहे। देर शाम तक दोनों बच्चों का कही कुछ पता नहीं चल पाया। पुलिस उपाधीक्षक श्रीधर प्रसाद बड़ोला ने बताया कि दोनों बच्चे अपने ननिहाल निरवाली आये हुये थे। बच्चों में नदी में डूबने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। जिस स्थान से बच्चे बहे हैं, वहां पर साहिल के कुछ कपड़े मिले हैं। बताया जा रहा है कि भाई के बचाने के कारण में बहिन भी नदी में बह गई। उन्होंने कहा कि गोताखोरों की टीम मंगाई गई है। जिसके बाद आज सोमवार को भी सर्च अभियान जारी रहेगा।

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