अयोध्या मामला- सुनवाई के लिए सिर्फ साढ़े दस दिन…वरना फैसला देने का चांस खत्म: CJI

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नई दिल्ली : अयोध्या मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने आज साफ कर दिया कि इस मामले 18 अक्टूबर के बाद पक्षकारों को जिरह के लिए एक भी दिन ज्यादा नहीं मिलेगा। कोर्ट ने साफ किया कि सुनवाई पूरी करने की तिथि बढ़ाई नहीं जाएगी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गगोई ने सभी पक्षों को कहा कि तय समय पर पूरी हो सुनवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर 4 हफ्तों में फैसला दे दिया तो चमत्कार हो जाएगा। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस बोले कि आज का दिन (गुरुवार) को मिलाकर हमारे पास सिर्फ सुनवाई खत्म करने के लिए साढ़े 10 दिन बचे हैं।

 CJI ने दोनों पक्षकारों से पूछा कि बताइए कि आप लोग कैसे अपनी जिरह पूरी करेंगे. हिन्दू पक्ष ने कहा कि 28 सितंबर और 1 अक्टूबर को हम जवाब (रिजॉइंडर) दाखिल करेंगे।  CJI ने राजीव धवन ने पूछा कि क्या आपके लिए 2 दिन काफी होगा रिजॉइंडर के लिए।  धवन ने कहा कि संभवतया यह कम होगा।  सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से निर्धारित समय तक दलील देने का समय मौखिक तौर पर स्पष्ट किया। कोर्ट ने साफ किया कि सुनवाई पूरी करने की तिथि बढ़ाई नहीं जाएगी।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गगोई ने सभी पक्षों को कहा कि तय समय पर पूरी हो सुनवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर 4 हफ्तों में फैसला दे दिया तो चमत्कार हो जाएगा। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस बोले कि आज का दिन (गुरुवार) को मिलाकर हमारे पास सिर्फ सुनवाई खत्म करने के लिए साढ़े 10 दिन बचे हैं। इस तरह चीफ जस्टिस ने साफ कर दिया है कि 18 अक्टूबर के बाद किसी भी पक्ष को एक दिन का भी वक्त नहीं मिलेगा।  सूट नम्बर 4 यानी सुन्नी सेंट्रल वक्फ़ बोर्ड की तरफ से अभी दलील पेश नहीं हुई है।  धवन को उसके लिए भी समय चाहिए। राजीव धवन ने कहा कि मैं ASI रिपोर्ट पर कुछ बातें कोर्ट के सामने रखना चाहता हूं।  कोर्ट ने अनुमति दी। धवन ने कहा कि ट्रायल के दौरान ASI रिपोर्ट के खिलाफ आपत्ति की गईं थी लेकिन कोर्ट ने उसे स्वीकार नहीं किया।

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