गृहमंत्री अमित शाह का जम्मू-कश्मीर दौरा, 30 सालों में पहली बार किसी बड़े नेता के दौरे के दौरान न हड़ताल न बंद

Please Share

जम्मू-कश्मीर: गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर कश्मीर में हैं। इस दौरान सुरक्षा बलों ने पूरी घाटी को छावनी में तब्दील कर दिया है। गृहमंत्री के रूप में शाह का राज्य में यह पहला दौरा है। तीन दशक में पहली बार ऐसा हुआ है कि अलगाववादियों ने घाटी में गृहमंत्री के दौरे के दौरान बंद नहीं बुलाया।

शाह राज्य के पार्टी नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और पंचायत सदस्यों से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा अमरनाथ तीर्थ पर भी जाएंगे। उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में शाह ने सभी एजेंसियों से कहा कि वह उपद्रवियों और आतंकियों के खिलाफ अपने कठोर दृष्टिकोण को बनाए रखें। उन्होंने सभी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने का निर्देश देते हुए कहा है कि वह एक जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा को हिंसा मुक्त सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।

दिलचस्प बात यह है कि सैयद अली शाह गिलानी और मिरवाइज अमर फारूक के नेतृत्व वाली हुर्रियत कांफ्रेस ने बुधवार को घाटी में बंद नहीं बुलाया। वहीं किसी भी अलगाववादी नेता ने कोई बयान जारी नहीं किया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन दशकों के दौरान अलगाववादी संगठन ने घाटी में तब-तब बंद बुलाया है जब केंद्र सरकार का कोई प्रतिनिधि दौरे पर कश्मीर आया है।
ज्वाइंट रेसिसटेंस लीडरशिप गिलानी, मिरवाइज और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के मुखिया यासिन मलिक का एक संयुक्त संगठन है। इस संगठन ने तीन फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घाटी दौरे के दौरान पूरी तरह से बंद बुलाया था। इस संयुक्त संगठन ने 10 सितंबर, 2017 को उस समय हड़ताल का आह्वान किया था। जब तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर दौरे पर आए थे। हालांकि बुधवार को सभी अलगाववादी संगठन चुप्पी साधे रहे।

You May Also Like