‘अंबानी को फायदा पहुंचाने वाले केस…’ का चीफ जस्टिस यौन शोषण मामले से कनेक्शन?

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नई दिल्ली: चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) पर लगे यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) के आरोप के पीछे बड़ी साजिश होने के वकील उत्सव बैंस के दावों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अदालत मामले की तह तक जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस द्वारा दायर हलफनामे और सबूतों को देखने के बाद इसे गंभीर मामला बताया था। इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल भी गठित किया गया है। वहीं, इस मामले में एक नया कनेक्शन सामने आया है।

सीजेआई ने दोनों को किया था बर्खास्त

द प्रिंट (The Print) के मुताबिक, उत्सव बैंस ने आरोप लगाया था कि सीजेआई के खिलाफ साजिश में सुप्रीम कोर्ट की नौकरी से निकाले गए तीन पूर्व कर्मचारी विशेष रूप से तपन कुमार चक्रवर्ती, मानव शर्मा और एक अन्य शामिल है। अदालत में काम करने के दौरान अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के आरोपों के बाद सीजेआई रंजन गोगोई ने तपन चक्रवर्ती और मानव शर्मा को बर्खास्त कर दिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व कर्मचारियों तपन और मानव शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था। सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में इनकी पेशी भी है।

अंबानी को फायदा पहुंचाने का था आरोप

स्वीडिश टेलीकॉम ग्रुप एरिक्सन द्वारा रिलायंस कम्युनीकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ दर्ज अवमानना मामले में अंबानी की व्यक्तिगत पेशी के लिए जारी 7 जनवरी के अदालत के आदेश में छेड़छाड़ के आरोप पर सीजेआई रंजन गोगोई ने तपन चक्रवर्ती और मानव शर्मा को बर्खास्त कर दिया था।

कोर्ट के आदेश की गलत कॉपी अपलोड करने का था दोनों पर आरोप

सुप्रीम कोर्ट ने आरकॉम को 15 दिसंबर तक भुगतान करने के आदेश दिए थे, लेकिन अनिल अंबानी इस तय समय सीमा में बकाया राशि का भुगतान नहीं कर सके, जिसके बाद एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी। इस मामले में कोर्ट ने अनिल अंबानी को अदालत में पेश होने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन और जस्टिस विनीत सरन ने अवमानना के मामले ​​में व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए दायर अंबानी की याचिका खारिज कर दिया था और उनको कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था।

कोर्ट ने अनिल अंबानी को छूट नहीं दी थी

द प्रिंट (The Print) के मुताबिक, एरिक्सन की तरफ से वकील दुष्यंत दवे ने वेबसाइट पर अपलोड की गई आदेश की कॉपी से छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया था। इन दोनों कर्मचारियों ने कथित तौर पर आदेश लिखते समय ‘नॉट’ शब्द को हटाकर ऑर्डर सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया था। जबकि कोर्ट ने अनिल अंबानी को छूट नहीं दी थी और उनको अदालत में पेश होने का आदेश दिया था।

दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला

शर्मा और चक्रवर्ती पर धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप लगे और एससी रजिस्ट्रार द्वारा इनके खिलाफ 1 मार्च को आईपीसी की धारा 420, 466, 467, 468, 218, 219, 471 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया। एक महीने की खोजबीन के बाद इन दोनों को 8 अप्रैल को क्राइम बांच की टीम ने गिरफ्तार किया था।

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