अभिनंदन पर फिट हो रही दो साल पहले बनाई उनके पिता की फिल्मी कहानी

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नई दिल्ली: इंडियन एयरफोर्स के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान पाकिस्तान की गिरफ्त में हैं। पूरा देश उनकी सलामती की दुआएं मांग रहा है उनके परिवारवालों के लिए एक-एक लम्हा भारी पड़ रहा है। उनके पिता पूर्व एयर मार्शल सिमकुट्टी के लिए एक-एक पल सदियों जैसे बीत रहा है। आज से ठीक दो साल पहले कुछ ऐसी कहानी पर साउथ के बड़े फिल्म निर्देशक मणिरत्तम ने एक फिल्म आई थी, जिसके लिए अभिनंदन के पिता की मदद ली थी।

डेली हंटी रिपोर्ट के मुताबिक कातरु वेलियिदाई नाम की इस फिल्म की कहानी स्वाक्ड्रन लीडर वरुण चक्रपाणी की थी, जिसे पाकिस्तान सेना गिरफ्तार कर लेती है। उसके बाद शुरू होता है उसे टॉर्चर करने का सिलसिला। इस फिल्म के लिए अभिनंदन के पिता पूर्व एयर मार्शल सिमकुट्टी ने मणिरत्नम के साथ बतौर सलाहकार काम किया था। 2 साल पहले जब मार्शल सिमकुट्टी इस फिल्मी कहानी पर काम कर रहे होंगे, तो उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन ये कहानी उनकी जिंदगी की हकीकत बन जाएगी और उनका अपना लाडला इस तरह पाकिस्तान के कब्जे में होगा।

फिल्म का हीरो वरुण चक्रपाणी कारगिल वॉर के दौरान पाकिस्तान की सीमा में घुस जाता है। दुश्मन उसका फाइटर जेट तबाह कर देता है और वरुण को युद्ध बंदी बनाकर रावलपिंडी के जेल में रखा जाता है। बंदी बनाने के बाद पाकिस्तना वरुण को अलग-अलग तरीकों से यातनाएं देता है. पाकिस्तानी सैनिकों की ज्यादती को झेलते हुए वरुण अपने परिवार और अपनी प्रेमिका को याद करता है। फिल्म में एक प्रेम कहानी भी चलती है, अदिति राव इस फिल्म में वरुण की प्रेमिका के किरदार में हैं। जो कश्मीर के एक अस्पताल में डॉक्टर रहती है। दोनों की मुलाकात अस्पताल में ही होती है, जब एक एक्सीडेंट के बाद वरुण अस्पताल में एडमिट होता है। दोनों की दोस्ती होती है और फिर ये दोस्ती प्यार में बदल जाती है।

इस प्रेम कहानी में कई ट्विस्ट भी आते हैं और इस बीच कारगिल वॉर शुरू हो जाती है और वरुण वॉर के दौरान पाकिस्तान के कब्जे में आ जाता है। हालांकि कहानी फिल्मी है तो हैप्पी एंडिंग होती है। वरुण अपने साथी के साथ किसी तरह से पाकिस्तान की जेल से भाग जाता है और वो अपने प्यार से मिलता है। फिल्म में वरुण चक्रपाणी का किरदार निभाने वाले तमिलस्टार कार्थी ने भी अभिनंदन की वापसी की दुआ मांगते हुए ट्विटर पर लिखा है-मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि कुछ लड़ाकू पायलटों से मिला हूं। उन्हें जानना एक सच्चा सम्मान हैं और वे अलग लीग के पुरुष हैं। मैं योद्धाओं की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना करता हूं।

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