देहरादून: चारधाम यात्रा के लिए हेली सेवाओं को लेकर शर्तों को बदलने का सिलसिला लगातार जारी है। बीते कई दिनों से लगातार शर्तों में हो रहे इन बदलावों से विभाग पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। माना जा रहा है कि, अपने चहेतों को लाभ पहुँचाने के लिए बार-बार ये बदलाव हो रहे हैं।
इसके साथ ही टेंडर की शर्तों में ताजा बदलाव की बात करें तो, बीते कल जहाँ टेंडर में NSOP का परमिट 31 दिसम्बर 2018 तक की बात कही गई थी, वहीँ मंगलवार को इस शर्त को संशोधित कर 31 मई 2018 कर दिया गया है। माना जा रहा है कि यह संधोधन दो विशेष ऑपरेटरों को लाभ पहुँचाने के लिए किया गया है, क्योंकि इनमें से एक का परमिट अप्रैल में तथा दूसरे का परमिट नवंबर में समाप्त होने जा रहा है । इसके साथ ही इन्हें रिन्यू करने के लिए दी गई एप्लीकेशन को भी उपलब्ध करने के लिए कहा गया है, जिसके मद्देनजर शर्तों में बदलाव किया गया है।
इसी क्रम में बीते कल यानि सोमवार को 3 हेलीकॉप्टरों के स्वामित्व की शर्त को हटा दिया गया था। यानि जब तक चहेतों को शामिल नहीं किया जाता, तब तक लगातार शर्तों में संशोधन जारी है। इससे पता चलता है कि चहेतों को लाभ पहुँचाने के लिए विभाग किसी भी हद तक जा सकता है। जहाँ बीते कल की शर्त के अनुसार 6 ऑपरेटरों को मौका मिला पा रहा था, वहीँ आज मंगलवार को फिर हुए बदलाव से 2 और ऑपरेटरों को मौका दिया गया है। यानि कि अब 8 ऑपरेटरों को मौका मिलेगा।
…जब तिलमिलाए ओमप्रकाश
वहीं जब केदारनाथ स्थित 14 मान्यता प्राप्त हेलीपैड व उनसे जुड़े हजारों लोगों के रोजगार को लेकर ओमप्रकाश से सवाल किया गया, तो वह तिलमिला उठे। और उन्होंने कहा कि ऐसे 50 लोग हेलिपैड बना लेते हैं तो क्या हम सबका इंतजाम करें? जबकि मान्यता प्राप्त हेलिपैड के संबंध में सवाल पूछा गया था। साथ ही उन्होंने कहा कि वह सभी लोग अपना इंतजाम स्वयं करें। ऐसे में एक अधिकारी द्वारा गैर जिम्मेदाराना बयान भाजपा सरकार की नीति को सीधे तौर पर चुनौती देने वाला कहा जा सकता है क्योंकि, जहां भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास की नीति की बात करती है वहीं एक जिम्मेदार अधिकारी कहता है कि आप रोजगार के लिए अपना इंतजाम स्वयं करें। जबकि आपदा के बाद सरकार ने केदारघाटी में निवेश की अपील की थी, लेकिन वहां निवेश के बाद कई लोगों को दरकिनार कर दिया गया। ऐसे में इस निति के चलते अन्य छोटे व बड़े निवेशकों को अप्रत्यक्ष रूप से हतोत्साहित करने का काम किया जा रहा है।