गैरसैंण: स्थायी राजधानी की मांग को लेकर महिलाओं का हुजूम भराड़ीसैंण में उमड़ रहा है। वहीँ जब पुलिस ने गैरसैंण जाने से महिला आंदोलनकारीयों को रोकना चाहा, तो उन्होंने जैसे रौद्र रूप धारण कर लिया। इन आन्दोलनकारी महिलाओं की सरकार से बस एक ही मांग है कि, गैरसैंण को जल्द-से-जल्द इस पहाड़ी प्रदेश की राजधानी घोषित की जाये। महिलायों के इस आन्दोलन में राज्य निर्माण आंदोलन की झलक दिखाई दे रही है। राज्य निर्माण के 17 साल बाद भी आज पहाड़ों से लगातार पलायन जारी है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पेयजल, सड़कें जैसी मूलभूत सुविधाएं आज भी बदहाल हैं। मैदानों में बैठकर आज भी नेताओं द्वारा पहाड़ों के लिए नीतियाँ बनाई जा रही या यूं कहें छलने का प्रयास किया जा रहा है।
ऐसे में अब गैरसैंण आन्दोलन की चिंगारी लगातार सुलगती ही जा रही है। भाजपा सरकार के खिलाफ सड़कों पर ये वही महिलाएं उतरी हैं, जिन्होंने भाजपा सरकार को प्रचंड बहुमत दिया, ऐसे में अब सरकार जल्द गैरसैंण पर कोई फैसला नहीं लेती है और इसकी अनदेखी करती है तो इसका खामियाजा डबल इंजन सरकार को उठाना पड़ सकता है। और इस बात को भाजपा सरकार भी बखूबी समझ गयी होगी।