3 माह के भीतर कराए प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के चुनाव: हाईकोर्ट

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नैनीताल: हाईकोर्ट ने राज्य के 759 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के तय सीमा के अंदर चुनाव नही कराने के मामले में दायर याचिका में सुनवाई के बाद सहकारिता चुनाव प्राधिकरण को 3 माह के भीतर चुनाव कराने के निर्देश दिए है। साथ ही न्यायालय ने कहा कि, प्रशासक के साथ निवर्तमान बोर्ड का चेयरमैन भी रजिस्ट्रार की संस्तुति के पश्चात सोसायटी के रहेंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

मामले के अनुसार, सुरेन्द्र सिंह परिहार भीमताल, सदस्य सादन सहकारी समिति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि, प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का कार्यकाल 23 मार्च को समाप्त हो गया था लेकिन अभी तक सरकार ने इन पर चुनाव नही कराये हैं, जबकि 23 मार्च से पहले ही चुनाव कराये जाने थे। समितियों के कार्यकाल समाप्त होने पर सरकार ने इनमें प्रशासक नियुक्त कर दिये हैं। जिनसे समितियों का कार्य प्रभावित हो रहा है। याचिका में कहा कि, सरकार समितियों के चुनाव बाइलॉज को संसोधन करा रही जो नियम विरुद्ध है, जबकि संशोधन समितियों के कार्यकाल के रहते हुए किया जाना था । संशोधन प्रक्रिया के लिए  निर्वाचित सदस्यों का  2/3 का बहुमत होना आवश्यक था। लेकिन सरकार प्रशासक की मौजूदगी में संशोधन करा रही है, जो बाइलॉज के नियम विरुद्ध है । याचिकर्ता के अधिवक्ता संदीप तिवारी ने कोर्ट को अवगत कराया कि, संविधान के अनुच्छेद 243 जेड के अनुसार, चुना हुआ बोर्ड ही चुने गए बोर्ड के सदस्यो को सत्ता हस्तांतरित करेगा। प्रशासक नियुक्त करने का कोई औचित्य नहीं है और सरकार को तय सीमा से पहले चुनाव करा लेने चाहिए थे। चुनाव पुराने बाइलॉज के अनुसार ही कराने चाहिए। सरकार की मनसा इस तरह से बाइलॉज को संसोधन कराना चुनाव को प्रभावित कराना है ताकि चुनाव देरी से हो। याचिकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि बाइलॉज को संसोधन कराने के लिए निर्वाचीत सदस्यों का कोरम 2/3 होना आवशयक था। परन्तु इसके लिए उनके फर्जी हस्ताक्षर कर दिए । जबकि उनका कार्यकाल 23 मार्च को समाप्त हो गया था । एक ही आदमी ने कई सदस्यों के हस्ताक्षर किये है। सरकार ने अपने शपथपत्र में कहा कि बाइलॉज को संशोधन कराने में अभी वक्त लग सकता है, इसलिए अभी चुनाव कराने में वे सक्षम नही है। पक्षो की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 3 माह के भीतर चुनाव कराने के निर्देश दिए है। साथ ही न्यायालय ने कहा कि प्रशासक के साथ निवर्तमान बोर्ड का चेयरमैन भी रजिस्ट्रार की संस्तुति के पश्चात सोसायटी के रहेंगे।

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