सरकारी डॉक्टर के काले कारनामों का एक बार फिर खुलेगा टिट्ठा! पढ़ें पूरी खबर

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टिहरी/देहरादूनः दो माह पहले टिहरी सीजीएम कोर्ट में आए एक सरकारी अस्पताल में तैनात डॉ ललित जैन केस में नया मोड़ आया है। डॉ ललित के खिलाफ पीड़ित बच्ची ने बाल कल्याण समिति को दिए गए बयान में कहा कि डॉ हमारे साथ छेड़खानी करता था। साथ ही बच्चियों ने डॉ पर संगीन आरोप भी लगाए हैं।

हैरत कर देने और सोचने वाली बात यह है कि दो माह पूर्व जब पीड़ित बच्चियों को कोर्ट में पेश किया गया तो बच्चियों ने कहा था कि उनके साथ कुछ भी अप्रिय घटना नहीं हुई है। लेकिन बच्चियों का जो वीडियो सामने आया है, उसमें बच्ची साफ यह कहते हुए दिख रही है कि उसके साथ डॉ ललित जैन ने क्या-क्या हरकते की हैं। हालांकि हैलो उत्तराखंड न्यूज ऐसा दावा नहीं कर रहा है कि वीडियो में सत्यता है कि नहीं। हम आपको वही बता रहे हैं जो कि वीडियो में दिखाई और सुनाई दे रहा है।

लेकिन इस वीडियो के सामने आने से एक बार पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है कि जब बच्चियों ने जज के सामने कुछ नहीं कहा तो फिर अब वो वीडियो में क्यों ऐसा कह रही हैं? क्या उस दौरान बच्चियों पर दबाव बनाया गया था? सवाल यह भी है क्या बाल कल्याण समिति ने जो इस बच्ची का वीडियो जारी किया है उसमें समिति का कुछ मकसद है?

जानें पूरा मामला…..

दरअसल मामला टिहरी जिले का है जहां पर पेशे से एक सरकारी डॉ ललित जैन को लड़की के रिश्तेदार ने बड़ी लड़की को झारखण्ड के खूंटी जिले के बरिगडा से टिहरी में  डॉक्टर के पास पढ़ने को भेजा लेकिन कुछ समय बाद लड़की की छोटी बहन भी डॉक्टर के पास पढ़ने के लिए आ गई थी। जिसके बाद छोटी बहन एक बार घर से भी भाग चुकी थी, जिसे पुलिस द्वारा ढूंढ लिया गया था। जिसके बाद बच्ची को कोर्ट में पेश किया गया। सीओ टीहरी हीरा सिंह ने बताया कि उस दौरान बच्ची ने अपने साथ किसी भी प्रकार के दुव्यवहार के बारे में जज को नहीं बताया। जिसके कारण केस में एफआर लग गई।

लेकिन दो दिन पहले ही जब समाज कल्याण विभाग अपर सचिव रामविलास बच्चियों से मिले तो बच्चियों ने बताया कि उनके साथ छेड़छाड़ हुई है और उन्होंने बहुत ही संगीन बाते भी बताईं। अपर सचिव का कहना है कि जिस प्रकार बच्चियों ने हमारे सामने अपना दुखड़ा रखा उसे देखकर प्रथम दृष्टता यही लगता है कि पुलिस ने मामले में पूरी कार्यवाही नहीं की। वहीं बाल कल्याण विकास मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि यह बहुत ही संजीदा मसला है और इस की गहराई से जांच होनी चाहिये।

डीजीपी के संज्ञान में मामला आते ही पुलिस तुरन्त हरकत में आई ओर स्थानापन्न अधीक्षक टिहरी सुखविंदर सिंह ने हम से बात करते हुए बताया कि मामले में डॉक्टर के खिलाफ केवल बाल मजदूरी के तहत चार्ज सीट जारी हुई है, लेकिन यदि मामले में शिकायत आएगी तो एक बार फिर तहकीकात की जायेगी।

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