प्रदेश का बजट गरीब के हित में, हरीश रावत का धरना हास्यास्पद – अजय भटट्

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 भाजपा प्रदेश अध्यक्ष  अजय भटट् ने राज्य की भाजपा सरकार के प्रथम बजट को गरीब आदमी को केन्द्र में रख कर बनाया गया प्रगतिशील बजट बताया और कहा कि इससे राज्य का त्वरित विकास होगा। उन्होंने कांग्रेस द्वारा सदन के अंदर व बाहर किये गए हंगामे की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्ष में बैठी कांग्रेस का यह रवैया गैर जिम्मेदाराना है।

भटट् ने कहा कि बजट में गरीबों को छत देने, सभी ग्रामों को सड़कों से जोड़ने, सभी ग्रामों में विद्युत की सुविधा उपलब्ध कराने, महिलाओं की सुरक्षा, नए बस अड्डे बनाये जाने सहित विभिन्न योजनाओं के केंद्र में गरीब आदमी, आम आदमी है।

बजट में पर्यटन विकास, प्रशासनिक सुधार, श्रम सुधार की भी व्यवस्था की गई है। भटट् ने कहा कि शिक्षा, रोजगार पेय जल स्वास्थ्य सहित विभिन्न मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए बजट में किये गए प्रावधान जहाँ प्रदेश को विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने वाले सिद्ध होंगे वही पलायन की समस्या के समाधान में भी सहायक होगें।

अंदर व बाहर किये गए हंगामे की आलोचना करते हुए अजय भट्ट ने कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव में भारी पराजय से कांग्रेस नेता इतने बौखला गए हैं कि उन्हें सही व गलत का अंतर ही पता नहीं है।

एन एच- 74 घोटाले पर बोलते हुए भट्ट ने कहा कि ये समस्या मूल रूप से कांग्रेस के समय की है। इस बारे मे प्रदेश में भाजपा सरकार के आने के बाद बड़े स्तर पर कार्यवाही की गई और 6 पी सी एस अधिकारी निलंबित कर दिये गए। इस मामले पर सरकार आगे जांच करा रही है और जीरो टॉलरेन्स के सिद्धांत के अनुसार किसी भी भ्रष्ट व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा।

गैरसैंण मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री  हरीश रावत के सांकेतिक धरने को हास्यास्पद बताते हुए  भटट् ने कहा कि भाजपा सरकार ने बिना व्यवस्था के गैरसैण में सत्र आयोजित न करके जनता के करोड़ों रुपए बचाएं हैं जो विकास में खर्च होंगें। जबकि कांग्रेस के समय गैरसैण में बिना किसी व्यवस्था के विधान सभा सत्र कराकर न केवल जनता को धोखा दिया गया बल्कि करोड़ों रुपये व्यर्थ बहा दिए गए। उन्होंने कहा कि भाजपा गैरसैंण के त्वरित विकास व वहाँ ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के प्रति वचनबद्ध है।

बजट को लेकर जिस तरीके से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने तारीफों के फूल बांधे हैं, जिसके बाद अब देखना होगा की बीजेपी अपने वादों औऱ बजट को प्रदेश के आखिरी आदमी तक कैसे पहुंचाती है।

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