नहले पे दहला – रामनाथ कोविंद के सामने विपक्ष ने चला मीरा कुमार का दांव..

Please Share

राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के खिलाफ यूपीए ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया है। मीरा कुमार भी दलित समुदाय से आती हैं। इस तरह राष्ट्रपति चुनाव दलित बनाम दलित हो गया है। नई दिल्ली में सभी विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस नेता मीरा कुमार को सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाए जाने का फैसला किया गया।

इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, राजद चीफ लालू यादव समेत कई नेता मौजूद थे। मीरा 27 जून को पर्चा भरेंगी। बैठक में शरद पवार ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा जबकि मायावती ने उसका समर्थन किया।

 72 साल की मीरा कुमार बिहार के सासाराम की रहने वालीं हैं। मीरा कुमार बड़े दलित नेता और देश के भूतपूर्व रक्षा मंत्री जगजीवन राम की बेटी हैं। राजनीति में कदम रखने से पहले वो विदेश सेवा की अधिकारी भी रह चुकी हैं। साल 1970 में उनका चयन भारतीय विदेश सेवा के लिए हुआ। इसके बाद उन्होंने कई देशों में अपनी सेवाएं दी।

बताए कि मीरा कुमार 2009 से 2014 के बीच वह लोकसभा की स्पीकर रहीं है। वह लोकसभा की पहली महिला स्पीकर के रूप में 3 जून 2009 को निर्विरोध चुनी गयी। मीरा कुमार पेशे से वकील भी रही हैं। मनमोहन सिंह की सरकार में यूपीए 1 के दौरान में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रह चुकी हैं।

मीरा कुमार से पहले जो नाम विपक्ष की ओर से रेस में थे उनमें कांग्रेस नेता मीरा कुमार, सुशील कुमार शिंदे, बालाचंद्रे मुंगेकर, प्रकाश आंबेडकर और गोपाल कृष्ण गांधी शामिल थे। आपको बता दें कि गोपाल कृष्ण गांधी महात्मा गांधी के पड़पोते हैं, जबकि प्रकाश आंबेडकर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के पोते हैं।

You May Also Like

Leave a Reply