कोटेश्वर पुल पर विभाग ने टांगा चेतावनी का बोर्ड, फिर भी सफर कर रहे ग्रामीण!

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रूद्रप्रयाग। प्रदेश की सरकारें जनता की सुविधा का कितना ख्याल रखती है यह आज हम आपको दिखाते हैं। विकास भवन, जिलाधिकारी कार्यालय समेत दर्जनों गांवों को जोड़ने वाला कोटेश्वर तिलणी पुल पिछले एक दशक से क्षतिग्रस्त है, लेकिन लोनिवि ने इसे ठीक करने के बजाय दोनों तरफ दीवारें खड़ी करके पुल पर आवाजाही ठप करने का बोर्ड टांग दिया। बावजूद इसके इस मौत के झूला पुल पर ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही को मजबूर हैं।

धनपुर पट्टी के सैकड़ों गांवों को जिला स्तरीय कार्यालयों से जोड़ने का एक मात्र कोटेश्वर पुल जीर्ण शीर्ण हालत में है। पुल पर किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। मगर विभाग है कि इसे ठीक करने के बजाय महज आवाजाही ठप करने का बोर्ड टांग कर जनता के प्रति लापरवाह बना है।

लोनिवि के अधिकारियों का कहना है कि पुल की उम्र पूरी हो चुकी है और इसके पुर्ननिर्माण को लेकर शासन को बहुत पहले स्टीमेट भेजा गया है, मगर धन ना मिलने पर सुरक्षा के लिहाज से दोनों तरफ दीवारें लगा दी गयी हैं। साथ ही झूला पुल के स्थान पर स्टील गार्डर पुल बनाने के लिए फिर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। पैसा मिलने पर ही कार्य करना संभव हो पायेगा।

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