सरकार को भ्रष्ट्राचार के विरूद्ध धर्मयुद्ध में सबका सहयोग चाहिए: मुख्यमंत्री

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देहरादून: राजनीति के क्षेत्र में शुचिता के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को गुरूवार को नित्यानन्द स्वामी जनसेवा समिति ने प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री स्व. नित्यानन्द स्वामी के 90वीं जयन्ती के अवसर पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में ‘‘स्वच्छ राजनीतिज्ञ सम्मान’’ से सम्मानित किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम वास्तव में स्वच्छता चाहते है और भ्रष्ट्राचार के विरूद्ध लड़ना चाहते है तो यह धर्मयुद्ध की तरह है। यदि धर्मयुद्ध की तरह लड़ सके तो जीत मिल सकती है। सरकार को भ्रष्ट्राचार के विरूद्ध धर्मयुद्ध में सबका सहयोग चाहिए। राजनीति और स्वच्छता दोनों में काफी दुश्मनी मानी जाती है। क्योंकि यहां मोह व लोभ होता है और लालच व दबाव देने वाले भी होते है। सरकार में जिम्मेदार लोग भी जनता के बीच से आते है। राजनीति से साफ निकल जाना जैसे काजल की कोठरी में से साफ निकल जाना माना जाता है। प्रबुद्ध लोग भी ऐसा मानते है कि यह वास्तव में काफी कठिन काम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नित्यानन्द स्वामी ने राजनीति में शुचिता कायम रखने की भरपूर कोशिश की। हमारी पूरी कोशिश रहती है कि राजनीति में शुचिता बनी रहे और राजनीति में शुचिता तभी बनी रह सकती है जब पारदर्शिता हो। अधिकाधिक पारदर्शिता से हम अधिक से अधिक शुचिता ला सकते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने गत बीस महीनों को पारदर्शिता लाने की भरसक कोशिश की। हमने टेन्डर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया। बायोमेट्रिक हाजिरी की शुरूआत की। जो लोग अच्छा काम करते है उनके लिए इस वर्ष स्व. अटल जी की जयन्ती पर मुख्यमंत्री सुशासन और स्वच्छता पुरस्कार की शुरूआत की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी जी की पारदर्शिता की नीति का परिणाम रहा कि राज्य में खनन व शराब माफिया की रीढ़ टूट गई। तरह-तरह के दबावों के होते हुए भी स्वामी जी ने उनकी परवाह नहीं की। स्वामी जी ने बड़े साहस के साथ उसका सामना किया। यह वास्तव में बड़े साहस का कार्य था। हमने जब जिम्मेदारी सम्भाली तो खनन में राज्य सरकार को 410 करोड़ रूपये का राजस्व मिल रहा था। हम टेन्डरिंग में ट्रांसपेरेन्सी लेकर आए तथा ई-टेन्डर शुरू किया। जिसके परिणामस्वरूप हमने 850 करोड़ रूपये से अधिक का राजस्व एक साल में खनन से प्राप्त किया। केवल ट्रांसपेरेन्सी लाकर ऐसा संभव हुआ। पारदर्शिता व अच्छी नीयत का परिणाम रहा कि हम चोरी पर अंकुश लगाने में सफल रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनर्जी सेक्टर में 288 करोड़ रूपये का घाटा था। हमने पहले एक साल में एनर्जी सेक्टर में 237 करोड़ रूपये कवर किए। परिवहन क्षेत्र में भी हमने पिछला घाटा कवर किया। लोक निर्माण विभाग में गत वर्षो में जो टेन्डर हो चुके थे, उनका री-एस्टीमेट करवाया और 150 करोड़ रूपये बचाए। देहरादून के मोहकमपुर के फ्लाईओवर और डा. विश्ववरैया टनल पर हमने 30 करोड़ रूपये बचाए। ऋषिकेश के जानकी पुल निर्माण पर 15 करोड़ रूपये बचाया जा रहा है। सूर्यधार पेयजल परियोजना जो कि 60 करोड़ रूपये की परियोजना है 26 करोड़ रूपये में बन रही है। हम भ्रष्ट्राचार को समाप्त करने हेतु सख्त कदम उठा रहे है। उन्होंने कहा कि स्व. अटल जी व नित्यानन्द स्वामी जी जैसी विभूतियां हमारी प्रेरणा है। हमारा प्रयास रहेगा कि हम बेदाग होकर निकले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने हम पर विश्वास किया है। हमारा सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्ट्राचार का था। हमने कहा था कि हम भ्रष्ट्राचार को रोकेंगे। हम इस दिशा में गम्भीर प्रयास कर रहे है। आज भ्रष्ट्राचार के प्रति लोगों का दृष्टिकोण बदला है। समाज में परिवर्तन आया है। हमे रास्ता निकालना है। हमें बहुत अधिक दृढ़ इच्छा शक्ति की जरूरत है। जिसमें भ्रष्ट्राचार के विरूद्ध दृढ़ इच्छा शक्ति रखने वालों को भी संबल व सहयोग देने की जरूरत है। यह बहुत ही गम्भीर विषय है। आप सबका सहयोग मिलेगा ऐसी आशा है।

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