मेयर गामा और ग्रामीणों की तगड़ी खटपट का विडियो वायरल, दी ये सफाई

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देहरादून: दून के मेयर सुनील उनियाल गामा इन दिनों एक विडियो को लेकर सुर्ख़ियों में हैं, और ख़ास बात ये है कि मेयर बनने के बाद सुनील उनियाल गामा को गुस्सा भी जबरदस्त आने लगा है, और उनके गुस्से का शिकार उन्ही को अपने वोटों से मेयर की कुर्सी देने वाली आम जनता बनी है। यह गांव वालों का कहना है।

दरअसल  नगर निगम की सीमा के अंतर्गत शामिल हुए गांव के लोग सरकार द्वारा टैक्स लगाए जाने के विरोध में नगर निगम देहरादून के मेयर से मिले। जिसके बाद विडियो में दिखा कि मेयर गामा और ग्रामीणों के बीच तगड़ी हो रही है, जिसमे गांव वालों गांव वालों का कहना है कि मेयर गामा ने चुनाव के समय जो वादे किये, आज वह उनको पूरा करने से मुकर रहे है।

आपको बता दें कि ग्रामीणवासियों के अनुसार चुनाव से पूर्व बीजेपी ने देहरादून नगर निगम की सीमा में लगभग 100 गांव शामिल किए थे और ग्रामीणों से वादा किया था कि अगले 10 साल तक ग्रामीणों से किसी भी तरह का टैक्स नहीं लिया जाएगा।

लेकिन जैसे ही भाजपा नगर निगम का चुनाव जीत गई तो फिर ग्रामीणों पर विभिन्न प्रकार के कई टैक्स लगाने शुरू कर दिए। ग्रामीण व्यापारी जब इसके विरोध में नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा से मिले और उन्हें चुनाव के समय किया हुआ वादा याद दिलाया। इसी बात को लेकर सुनील उनियाल गामा और ग्रामीणों में गरमा गर्मी शुरू हुई और जो लम्बे समय तक चलती रही।  साथ ही सुनील उनियाल गामा ने कहा कि केवल चार पांच लोग ही उनसे वार्ता करने के लिए आए बाकी लोग वापस चले जाए। इस पर लोगों ने एतराज जताया कि वोट तो सभी ने दिया था, इसलिए उन्हें सभी से बात करनी चाहिए।

इस दौरान मेयर ने इस पूरे मामले का वीडियो बनाने से मना किया तो फिर ग्रामीण और भी अधिक नाराज हो गए। गांव के बड़े बुजुर्ग इस बात पर बेहद हैरत जता रहे थे कि जो व्यक्ति चुनाव के समय घर-घर पर हाथ जोड़कर उनसे वोट मांग रहा था, जब अपनी समस्या लेकर वह उनके पास गए तो वो मेयर बनकर रौब झड़ने लगे।

वहीं हैलो उत्तराखंड से बातचीत में मेयर सुनील उनियाल गामा इस मामले पर बोले कि ग्रामीण वासियों को उन्होंने कहा था कि चुनिंदा ग्रामीण आकर शांति से अपनी बात निगम के सामने रखें। लेकिन ग्रामीणवासियों का मकसद नेतागिरी करना है। इसलिए उन्होंने बहार पे प्रदर्शन करना शुरू किया, इसी के साथ गामा ने कहा कि पहले भी तो ग्रामीणवासी जिला पंचायत को कॉमर्सियल टैक्स देते थे अगर वो ही टैक्स निगम ले रहा है तो इसमें क्या परेशानी? साथ ही मेयर गामा ये भी बोले कि हर्रावाला वार्ड को छोड़ कर सभी वार्ड अपना टैक्स भर रहे हैं।

उनका ये भी कहना था कि जिन दुकानों का साइज़ 15 फुट तक है उनसे कोई टेक्स नही वसूला जायेगा, साथ ही हमने चुनाव के समय जो वाडे पार्टी द्वारा किये गए थे वो सिर्फ हाउस टैक्स को लेकर किया गया था न की कॉमर्सियल।

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