विभागों के आपसी तालमेल नहीं होने के चलते 1 दर्जन से ज्यादा गाँव अँधेरे में

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बागेश्वर: उतराखण्ड जैसे पहाडी राज्य में अक्षय उर्जा विभाग उरेडा की स्थापना इस उद्देश्य से की गयी, ताकि दुरस्त गांवों में छोटी-छोटी विद्युत परियोजना बना कर गाँवो तक बिजली उपलब्ध करायी जा सके, लेकिन बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लॉक के दुरस्त गांवों में उरेडा विभाग अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करने में पूर्ण रूप से विफल साबित हुआ है। उरेडा विभाग और यूपीसीएल विभाग में आपसी तालमेल नहीं होने के कारण वर्तमान स्थिती यह है कि, मल्ला दानपुर के लगभग 1 दर्जन से ज्यादा गाँव उरेडा की परियोजनाओं के विफल होने के कारण अँधेरे में रात काटने को मजबूर हैं। अन्धेरे में जीने को मजबूर होने वाले इन गाँवों में खाती, वाछम, तोली, किलपारा, कुवारी, बोराचक, झारकोट, सोराग, बदियाकोट, तीख, डोला आदि ग्रामीण इलाके शामिल हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि, उरेडा विभाग कि परियोजनाएं वर्तमान समय मे जीर्ण-क्षीर्ण अवस्था में हैं। परियोजनाओ के विफल होने से विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठता है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि, समय से इन कोई भी परियोजनाओं को देखने तक नहीं आता है। यदि विभाग से परियोजना के विषय मे बात की जाती है, तो विभाग के कर्मचारी धमकाने पर उतारू हो जाते हैं। साथ ही ग्रामीणों ने अपना दर्द व्यक्त करते हुए कहा कि, वह  केरोसीन के भरोसे ही रात काटते हैं। इसके अलावा बिजली नहीं होने के चलते बच्चे पढाई इत्यादि कार्य भी नहीं  कर पा रहे हैं।

वहीँ इस मामले पर जिलाधिकारी ने कहा कि, विद्युत उपकरणों का दूर शहरी स्थलों में मिलने के कारण गांवों में  बिजली की समस्या हो रही है। साथ ही सीडीओ को आदेश दिया गया है और जल्द ही गांवों में बिजली की आपूर्ति सूचारू रूप से की जाएगी।

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