पुलिस और किसानों में झड़प, विपक्ष का आरोप अंग्रेजों और सरकार में कोई अंतर नहीं

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नई दिल्ली: हरिद्वार से दिल्ली के लिए रवाना हुई भारतीय किसान क्रांति यात्रा दिल्ली बॉर्डर तक पहुंच गई है। किसानों को दिल्ली में दाखिल होने से रोकने के लिए यूपी-दिल्ली बॉर्डर सील कर दिया गया है। किसान गाजियाबाद के साहिबाबाद में जमे हुए हैं। किसानों की ये रैली सोमवार को ही साहिबाबाद पहुंच गई थी। हजारों की संख्या में किसानों ने जीटी रोड को पूरी तरह जाम कर दिया है। जिलाधिकारी और एसएसपी के समझाने के बाद भी किसान दिल्ली जाने की जिद पर अड़े हैं। देर रात प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के साथ किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली से वापस लौटे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर मुलाकात की। मुख्यमंत्री और प्रतिनिधिमंडल के बीच करीब दो घंटे चली वार्ता विफल रही। प्रतिनिधिमंडल के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की मांग पर अड़े हैं।

किसानों को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, महात्मा गांधी की जयंती पर मोदी सरकार ने दिखा दिया कि, वह आजादी से पहले की ब्रिटिश सरकार से अलग नहीं है। उस वक्त ब्रिटिश सरकार किसानों का उत्पीड़न किया करती थी और आज मोदी सरकार किसानों पर आंसू गैस के गोले बरसा रही है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी किसानों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, इस सरकार ने किसानों से जो वादे किए थे, वो पूरे नहीं किए गए। ऐसे में किसानों की नाराजगी स्वाभाविक है। उनका विरोध प्रदर्शन करना जायज है ये दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि, हम किसानों का पूरा समर्थन करते हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों की मांगों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, किसानों को दिल्ली में दाखिल होने देना चाहिए। आखिर, उन्हें दिल्ली में क्यों नहीं घुसने दिया जा रहा है? ये गलत है, हम किसानों के साथ हैं। दिल्ली-यूपी बॉर्डर से किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया है। बताया जा रहा है कि, किसान दिल्ली में दाखिल होने से रोकने के लिए पुलिस की ओर से लगाए गए बैरीकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने किसानों और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया और किसानों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े।

हरिद्वार से दिल्ली के लिए कूच करने वाले किसानों को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है। किसानों को दिल्ली में दाखिल होने से रोकने के लिए भारी सुरक्षा बल की तैनाती की गई है। किसान नेताओं ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि आखिर, हमें यहां यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर क्यों रोका गया है? किसानों की रैली शांतिपूर्ण और अनुशासित ढंग से दिल्ली की ओर बढ़ रही थी। अगर हम सरकार के सामने अपनी समस्याएं नहीं रखेंगे, तो किसके सामने रखेंगे? हम कहां जाएं, पाकिस्तान चले जाएं या बांग्लादेश?

हरिद्वार से राष्ट्रीय राजधानी के लिये मार्च कर रहे भारतीय किसान यूनियन के हजारों कार्यकर्ता दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं। ऐसे में कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी होने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली में एक हफ्ते के लिये निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी है। पूर्वी दिल्ली में पुलिस उपायुक्त (पूर्व) पंकज सिंह ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत आदेश जारी किया, जो आठ अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा। इस आदेश के अंतर्गत प्रीत विहार, जगतपुरी, शकरपुर, मधु विहार, गाजीपुर, मयूर विहार, मंडावली, पांडव नगर, कल्याणपुरी और न्यू अशोक नगर पुलिस थानाक्षेत्र आते हैं। उत्तर पूर्व दिल्ली में निषेधाज्ञा पुलिस उपायुक्त (उत्तर पूर्व) अतुल कुमार ठाकुर की तरफ से जारी की गई और यह चार अक्टूबर तक प्रभावी रहेगी। दिल्ली पुलिस उत्तर प्रदेश पुलिस के भी संपर्क में है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली में प्रवेश न कर सकें। निषेधाज्ञा का आदेश पांच या उससे ज्यादा लोगों के एक जगह जमा होने और सभा करने को प्रतिबंधित करता है। इसके अलावा एम्प्लीफायर, लाउडस्पीकर और ऐसे दूसरे उपकरणों का इस्तेमाल भी प्रतिबंधित रहता है।

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