भुखमरी की कहानी है काफी पुरानी, आंकड़े आज भी है चिंताजनक…

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पिथौरागढ़ः देश भर में भुखमरी बढ़ती ही जा रही है। आर्थिक आंकड़े भले ही विकास कर रहे हों लेकिन आज भी स्थिति वहीं की वहीं बरकरार है। यह हम केवल जुबानी बात नहीं कह रहे हैं। इसका हमारे पास एक ताजा उदाहरण भी है। 

भले ही हम और हमारी सरकारें भुखमरी को दूर करने के तमाम दावे कर रही हो लेकिन धरातल पर हमें कुछ और ही देखने को मिल रहा है। भुखमरी इतनी बढ़ गई है कि अब भिखारी खाना न मिलने पर कूड़ेदानों से सड़ा-गला खाना खाने को मजबूर हो गया है। इसकी ताजा तस्वीर हम आपको दिखा रहे हैं जिसमें एक भिखारी कूड़े के ढेर से जानवरों के बीच अपने लिए कुछ ढूंढता हुआ दिखाई दे रहा है। सोचा शायद वो कूड़ा बिनने वाला हो, मैं एक टक लगा कर देखता रहा तो मैं हैरत में पड़ गया। देखा वो भिखारी कूड़े के ढेर से पकौड़ी उठा कर खा रहा है। साथ ही पास में पड़े एक सफेद गैलन से पानी भी पी रहा है। थोड़ी देर तक मैं उसे देखता रहा तो जैसे ही उसकी नजर मुझ पर पड़ी वो झट से उठकर कूड़ेदान के पीछे चला गया। मैं भी उसके पीछे गया और दो तस्वीरें खींच ली। और फिर मन में गिलानी लेकर मैं अपनी रोजमर्रा के कामों की ओर बढ़ गया।

रास्ते भर सोचता रहा, दिमाग में कई सवाल उठते रहे लेकिन हल नहीं मिला। फिर मन में आया आर्थिकी सही होती तो कुछ सहायता ही कर लेता लेकिन हाथ मदद को खुद ही थम गए। फिर थोड़ी देर बाद आत्मग्लानि भी हुई कि कम से कम मैं उसे खाने को ही दे सकता था। फिर दोबारा उसी जगह पहुंचा लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी, वो भिखारी नहीं मिला। इस घटना ने रात भर सोने नहीं दिया। लेकिन यह मात्र एक ही घटना नहीं है।

भारत में भुखमरी की स्थिति गंभीर रूप लेती जा रही है। इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफ़पीआरआई) के ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) में भारत 100वें स्थान पर पहुंच गया है। एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक पिछले साल विकासशील देशों के इस सूचकांक में भारत की रैंकिंग 97वें स्थान पर थी, लेकिन एक साल में यह तीन पायदान और गिर गई है। ताज़ा रैंकिंग के मुताबिक भूखे देशों के मामले में भारत उत्तर कोरिया, बांग्लादेश यहां तक कि इराक़ से भी पीछे है। हालांकि उसकी स्थिति पाकिस्तान से बेहतर है।

  • 2011 में भारत 122 देशों में 108 नंबर पर था
  • 2012 में 120 देशों में भारत 106 पर रहा
  • 2013 में 120 देशों की लिस्ट में 105वां नंबर था
  • 2014 में 120 देशों में 99वें नंबर पर भारत रहा
  • 2015 में 104 देशों में भारत 80वें स्थान पर रहा
  • 2016 में 118 देशों में 97वां स्थान रहा

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