तेंदुए के आतंक से ग्रामीण अनसन को मजबूर, शासन-प्रशासन बेखबर, नरभक्षी घोषित करने की है मांग

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बागेश्वर: ज़िले के कपकोट ब्लॉक् के अंतर्गत भूलगावँ में तेंदुए के आतंक से निजात दिलाने के लिए ग्रामीणों का लगातारक्रमिक अनशन जारी है। एक सप्ताह से ग्रामीण भूख हड़ताल पर जमे हुए हैं। ग्रामीण आदमखोर तेंदुए को नरभक्षी घोषित करने की मांग को ले कर धरने में डटे हुए हैं।

दुग-नाकुरी तहसील के कई गांवों में तेंदुए का आतंक बना हुआ है। तेंदुए के आतंक से ग्रामीण भय के माहौल में जी रहे हैं। तेंदुए को नरभक्षी घोषित करने के लिए ग्रामीण एक सप्ताह से कार्मिक अनशन पर बैठे हुए हैं। लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। हालांकि शासन स्तर से तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने के लिए चार दिन पहले एक टीम रेस्क्यू सेंटर रानीबाग से पहुंची थी। लेकिन अभी तक तेंदुए को ट्रेंकुलाइज करने में टीम को सफलता नहीं मिल पाई है। जिससे ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों और वन विभाग के अनुसार क्षेत्र के भूलगावँ, स्याकोट, बाफिलागावँ, होराली समेत कई गांवों में तेंदुए दिखाई दे रहा है। ग्रामीण रातभर जाग कर क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं।  शासन-प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। आंदोलन की अध्यक्षता करते हुए विशन सिंह राठौर ने कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा अनदेखी की जा रही है। यही हाल रहा तो आंदोलन तेज किया जाएगा। वहीं नव निर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्य पूरन सिंह गढ़िया ने कहा कि शासन-प्रशासन का यही रवैया रहा तो 2 दिन वे स्वयं भी अनशन पर बैठेंगे । वही आज दिनेश सिंह गढ़िया और उत्तम सिंह राठौर क्रमिक अनशन पर बैठे।

वहीं जिलाधिकारी रंजना राजगुरु का कहना है कि जिला स्तर पर हो भी कार्रवाई की जा सकती है वो की जा रही है। ग्रामीण तेंदुए को आदमखोर घोषित करने की मांग कर रहे हैं लेकिन यह क्षेत्राधिकार में नहीं है। इसके लिए शासन स्तर पर पत्र भेजा गया था। अभी तक वहां से अनुमति नहीं मिली

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