तेजस्वी का बंगला खाली कराने पहुंची टीम लौटी वापस

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पटना: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से उनका पटना के 5 देशरत्न मार्ग पर स्थित सरकारी बंगला खाली कराया जा रहा है। यह बंगला उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी को आवंटित कर दिया गया है। बुधवार को बंगला खाली कराने पहुंची प्रशासन की टीम को विरोध के कारण खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। इस मामले में आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है।

शिवानंद तिवारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि नीतीश कुमार और सुशील मोदी जलन के शिकार हैं। तेजस्वी जिस बंगले में रह रहे हैं उसमें नहीं रह पाएं इसके लिए उसको मुख्यमंत्री के बंगले के रूप में कर्णाकित कर दिया गया। जबकि इसके पहले सुशील मोदी 2005 से 2013 तक लगातार उप मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उस काल में कभी मुख्यमंत्री की तरह उप मुख्यमंत्री के नाम पर किसी खास बंगले को कर्णाकित करने की जरूरत महसूस नहीं की गई थी। आज भी उप मुख्यमंत्री उसी बंगले में विराजमान हैं जहां पूर्व में विराजमान थे। सिर्फ तेजस्वी को अपमानित करने के लिए यह सारा ड्रामा किया जा रहा है।

तिवारी ने कहा है कि तेजस्वी को विरोधी दल के नेता के रूप में मंत्री का दर्जा प्राप्त है। जिस बंगले में वे हैं वहां प्रारंभ से मंत्री के रूप में रहते आए हैं। पहली मर्तबा जानबूझकर उनके बंगले को उप मुख्यमंत्री के बंगले के रूप में घोषित किया गया ताकि वहां से तेजस्वी को बेदखल किया जा सके। तेजस्वी का यह बंगला राबड़ी जी के आवास के बगल में है। इसलिए सुविधा के खयाल से तेजस्वी उसमें रहना चाहते हैं।

उन्होंने कहा है कि सरकारी बंगले के आवंटन के मामले में नियम कायदे की धज्जियां उड़ाने वाली दूसरी सरकार बिहार में कभी नहीं बनी है। देश में नीतीश कुमार अकेले मुख्यमंत्री हैं जो एक साथ दो बंगलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक वर्तमान मुख्यमंत्री का तो दूसरा पूर्व मुख्यमंत्री का। सरकारी जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री वाले बंगले पर तो 12 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया गया है।

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