सुलगते जंगलों की आग बुझाने में वन विभाग नाकाम, ग्रामीणों ने संभाला मोर्चा

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बागेश्वर: मौसम में अचानक छाई धुंध चारों तरफ घनघोर धुंए की परत छाई वातावरण में अजीब सी धुंध छाने से धुप भी हल्की निकली हुई। जनता को सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो पा रहे तापमान में भी बढ़ोतरी हुई। धुंध के चलते लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। धुंध चलते बुगुर्गो अस्थमा मरीजों को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा। साथ ही पहाड़ों की शांत वादियों के सैर सपाटे पर निकले देशी-विदेशी सैलानियों को भी इस अजीब सी धुंध से दिक्कते हो रही है। कौसानी,चौकोड़ी,गिरीछीना, पौड़ीबैड आदि पर्यटक स्थानो से हिमालय की वृस्तृत रेंज के दर्शन नहीं कर पा रहे है। पर्यटकों में मायूसी छाई हुई। वहीँ इस धुंध का प्रमुख कारण जंगलो की आग भी बताया जा रहा है।
वर्तमान जनपद की सभी 6 रेंज आग जल रही लाखो करोडो की वन सम्पदा खाक हो रही। वन विभाग के आकड़ो के मुताबिक अब तक  कुल 70 हेक्टैयर जंगल जले 50 अधिक  लगने  घटनाये हुई  डेढ़ लाख  अधिक नुकसान हुआ।
वन विभाग सुलगते जंगलो की आग बुझाने नाकाम साबित हो रहा। हैरानी इस बात की है। आलम यह है की वन विभाग के जनपदीय उच्च अधिकारी ज़िला प्रशासन के आला अधिकारियों के फोन तक  नहीं उठा रहे। ऐसे  समझा जा सकता  है। वनविभाग की कथनी और करनी को।  वहीँ ग्रामीणों का कहना है।  गरुड़ ब्लॉक के जंगल इस समय जल रहे। 
जवाडा स्टेट जंगल कई घंटो जल रहे।  वन विभाग का कोई भी मुलाजिम नहीं पंहुचा हम ग्रामीण आपस में मिलकर जंगलो आग को बुझा रहे। वरना यही जंगल की आग हमारे घरो तक पहुँच जाएगी।
वही प्रभारी जिलाधिकारी ने बताया  की बागेश्वर जनपद की सभी 6 रेंज के जंगलो में आग लगने की घटना कण्ट्रोल रूम दर्ज हुई है। जंगलों में बड़ी आग लगी है। जनपद की सभी 6 रेंज आग  जल रही लाखो करोडो की वन सम्पदा खाक हो रही। वन विभाग के आकड़ो के मुताबिक अब तक  कुल 70 हेक्टैयर जंगल जले 50 अधिक  लगने  घटनाये हुई  डेढ़ लाख  अधिक नुकसान हुआ। वन कर्मियों की मदद से बुझाने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। विभाग के अधिकारी द्वारा ज़िला प्रशासन के आला अधिकारियों के  फोन तक  नहीं उठाने  मामले में उन्होंने नाराजगी वक्त करते हुए कार्यवाही  कही। वन महकमे को केंद्र -राज्य सरकार से  हर वर्ष भारीभरकम बजट मिलता है  आखिर  सवाल  उठता है।  वह बजट खाफ्ता किधर ? लचर ढीला रवैया वन विभाग के आग बुझाने के दावों की पोल खोलता है यह बेहद चिंतनीय विषय है।

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